अंबाला 18 किसान संगठनों ने कुछ समय पहले विजयदशमी के दिन किसान दशहरा मनाने का फैसला लिया था। इसी के तहत भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के पदाधिकारियों ने लखनौर साहिब गांव में किसान दशहरा मनाकर अपना विरोध सरकार काे दर्ज कराया।
किसान संगठनों ने मंगलवार को अंबाला सिटी के समीप लखनौर साहिब गांव में सरकार के फैसलों के विरोध में नारेबाजी करते हुए किसान दशहरा मनाया। आक्रोशित भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह से किसान नेताओं ने सरकार के विभिन्न चेहरों का फोटो लगाकर एक रावण बनाया जिसे आग के हवाले कर अपना विरोध जताया। इस दौरान किसान नेताओं का कहना था कि सरकार बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सरकारी तंत्र को निजीकरण कर रही है किसान इसके विरोध में हैं।इसी कारण किसान दशहरा आयोजित किया गया। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की।
इसके साथ ही कॉरपोरेट की सरकार में भूमिका को लेकर भी विरोध किया गया। गौरतलब है कि करीब 18 किसान संगठनों ने कुछ समय पहले विजयदशमी के दिन किसान दशहरा मनाने का फैसला लिया था। इसी के तहत भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के पदाधिकारियों ने लखनौर साहिब गांव में किसान दशहरा मनाकर अपना विरोध सरकार काे दर्ज कराया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रधान गुरमीत सिंह माजरी ने कहा कि विजयदशमी के दिन रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाता है।
इसी प्रथा को बदलकर हम कार्पोरेट घरानों का पुतला दहन कर रहे हैं। क्योंकि इन्होंने 13 महीने तक दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान रोके रखा। सरकार ने कहा था कि तीनों कानूनों को वापस ले लिया है। मगर आज किसानों के पराली के चालान काटे जा रहे हैं। उन पर एफआईआर दर्ज की जा रही है। इस रोष को दशहरे वाले दिन हरियाणा सरकार का पुतला बनाकर जशन के साथ फूंक रहे हैं। हम अपनी सरकार और देश की जनता को जगा रहे हैं। किसान मजदूर देश के देवता हैं। कार्पोरेट हावी हो गए तो लोगों को दबकर काम करना होगा। वहीं किसान नेता जय सिंह जलबेड़ा ने कहा कि कार्पोरेट घरानों की नीतियों से हम खिलाफ हैं। यह पुतले इसी तरह फूंकेंगे।