कांग्रेस ने तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाते ही किसानों की कर्ज माफी का एलान कर दिया। लेकिन गुजरात में कर्ज माफी की राह देख रहे किसानों के लिए खबर अच्छी नहीं है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने राज्य में कर्ज माफी से साफ इनकार किया है। उन्होंने दावा किया है कि सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही है।
किसानों की आय के मामले में गुजरात देश में 12वें स्थान पर आता है। राज्य सरकार किसानों के कल्याण व कृषि उपकरण पर सबसिडी के चलते सालाना 900 करोड़ रुपए का बोझ उठा रही है। राज्य के करीब 17 लाख किसान कर्ज में डूबे हैं। ऐसे में उनकी मांग है कि देश के अन्य राज्यों की तरह गुजरात में भी किसानों की कर्ज माफी होनी चाहिए। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने संकेत दिया है कि सरकार किसानों की कर्ज माफी का फैसला करती है तो वह पाटीदार आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन को समेटने को तैयार हैं।
इधर, सरकार राजकोट जिले की जसदण सीट के चुनाव परिणाम की राह देख रही है। यदि इस सीट पर भी भाजपा की हार होती है तो सरकार के पास किसानों की कर्ज माफी के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। बहरहाल सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की नवनिर्वाचित सरकारों की तरह गुजरात सरकार किसानों की कर्ज माफी को तैयार नहीं है। ड्रीप इरिगेशन, बिजली बिल सबसिडी के अलावा किसानों के लिए सरकार विविध कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिससे सरकारी खजाने पर करोड़ों रुपए का बोझ आ रहा है।