किसान आंदोलन के कारण पिछले 70 दिनों से दिल्ली के तीन बॉर्डर पूरी तरह से बंद हैं. जिन बॉर्डर को बंद किया गया है, उसमें टीकरी बॉर्डर भी शामिल है. टीकरी, दिल्ली और हरियाणा का बॉर्डर है. बॉर्डर पर किसानों का अनवरत रूप से जारी है, लेकिन 26 जनवरी की हिंसा के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त है.

टीकरी मेट्रो स्टेशन महीनों से बंद पड़ा हुआ है और ठीक इसके नीचे से हरियाणा की तरफ जाने वाले रास्ते पर पुलिस की पहली बैरिकेडिंग है. 24 घंटे यहां दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान मौजूद रहते हैं. इसके आगे जवानों और मीडियाकर्मियों के अलावा किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं है.
रोजाना कामकाज के लिए दिल्ली से हरियाणा आने-जाने वाले लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, तो सवाल ये है कि महीनों से वो कैसे सफर कर रह हैं? आजतक से बात करते हुए एक राहगीर ने बताया कि अब लोग पार्किंग वाली कच्ची सड़क का इस्तेमाल करके गलियों से होते हुए हरियाणा के बहादुरगढ़ की तरफ जाते हैं. गालियां भी बेहत संकरी हैं. खास बात है कि इसी रास्ते से लोग भी जाते हैं और गलियों में सब्जी और जरूरत का सामान बेचने वाले भी.
खैर टीकरी मेट्रो स्टेशन के नीचे जहां से रोजाना हजारों लोग गुजरते थे, अब वहां दिल्ली पुलिस ने बड़ी-बड़ी ट्रॉलियां खड़ी करके सड़क जाम कर दिया है. हर कदम पर पुलिस की बैरिकेडिंग और सुरक्षा जांच की जा रही है. टीकरी मेट्रो स्टेशन से तकरीबन आधा किलोमीटर दूर ही किसान धरने पर बैठे हैं. धरना स्थल पर आप सीधे नहीं जा सकते हैं. एक गली के सहारे ही लोग धरना स्थल तक जा सकते हैं, लेकिन गली की सुरक्षा में 24 घंटे जवान मुस्तैद रहते हैं.
गलियों से गुजरते वक्त मीडिया की टीम को कुछ ऐसे लोग मिले, जो पैदल ही हरियाणा के बहादुरगढ़ से दिल्ली की तरफ आ रहे थे. बातचीत में इन सबने बताया कि उन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. इलाके लोग कुछ ऐसे भी मिले जो इंटरनेट बंद होने से आग बबूला थे, लोगों का कहना है कि उन्हें काफी कठिनाई हो रही है.
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