केंद्र सरकार द्वारा संसद में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज देशभर के किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है। किसानों ने सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक यानी चार घंटे का सांकेतिक बंद बुलाया था लेकिन इसका असर सुबह आठ बजे से ही दिखने लगा। तमाम राजनीतिक दलों ने सुबह आठ बजे से ही बंद के तहत विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बंद को देश के सभी विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया है। इसके अलावा किसान यूनियनें भी किसानों के साथ हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले। वहीं बंद के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और ओडिशा में ट्रेनों को रोका गया। इसके कारण कई जगहों पर आवाजाही प्रभावित है। दूसरी ओर किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि हमारा बंद शांतिपूर्ण होगा और यदि कोई इसमें दो-तीन घंटे तक फंसा रह जाता है तो उसे फल और पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
तेलंगाना के कामरेड्डी में सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी किसान संघों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दे रहे हैं। एक बस चालक ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई है। उनके साथ जाते हुए हम आरटीसी के कार्यकर्ता यहां विरोध कर रहे हैं। किसानों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।’
पश्चिम बंगाल में वामपंथी दलों ने आज किसान यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में, कोलकाता के जादबपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे पटरियों पर विरोध प्रदर्शन किया और एक ट्रेन को रोक दिया।
बिहार की राजधानी पटना में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान यूनियनों ने आज भारत बंद बुलाया है। इसके मद्देनजर पटना में भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।