दूध को पांच दिन तक नहीं बेचने और उसके बाद 100 रुपये किलो दाम करने के फैसले से संयुक्त किसान मोर्चा ने पल्ला झाड़ लिया है। कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के बावजूद केंद्र किसानों की बात नहीं मान रहा। इसके चलते किसानों की तरफ से लगातार कई फैसले लिए जा रहे हैं। इसी के तहत कुछ दिन पहले खबर आई थी कि किसान दूध का दाम बढ़ाएंगे।
दूध का दाम 100 रुपये किलो करने की बात कही गई थी। हालांकि अब संयुक्त किसान मोर्चे ने इसे गलत बताया है। मोर्चे का कहना है कि यह खबर अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है। दूध के दाम बढ़ाने की खबर में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सोशल मीडिया पर भी वायरल किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि ऐसा करने से सरकार किसानों की मांग मान लेगी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जिस तरह से पहले दूध को बेचा जा रहा था, उस तरह ही जारी रखा जाए।
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य दर्शनपाल ने कहा कि सोशल मीडिया से उनको पता चला है कि एक से पांच मार्च तक दूध को गांव में रखने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि दूध को शहर में नहीं भेजना है। इसके अलावा 6 मार्च से दूध को 100 रुपये में बेचने की बात कही जा रही है। दर्शनपाल ने कहा कि इससे संयुक्त किसान मोर्चा का कोई मतलब नहीं है।
भाकियू अंबाला के उपप्रधान गुलाब सिंह ने शंभू बार्डर से एलान किया है कि अंबाला का कोई भी किसान दूध के दाम नहीं बढ़ाएगा। गुलाब सिंह ने कहा कि किसानों से दूध कोई 50 रुपये मूल्य पर भी नहीं लेता है। ऐसे में अगर किसानों ने दूध के दाम को बढ़ा दिया तो उससे न केवल किसानों को बल्कि जनता को भी नुकसान होगा। इससे किसानों को लेकर गलत छवि बन जाएगी। अगर किसान मोर्चा की ओर से बाद में आदेश जारी होते हैं तो उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
रोहतक के गांव समैण में सामुदायिक केंद्र में किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रामीणों ने दूध के दाम 100 रुपये प्रति लीटर करने के निर्णय को लागू करने का एलान किया था। वहीं नारनौंद में कृषि कानूनों व पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी से खफा सतरोल खाप ने शनिवार को पंचायत में निर्णय लिया था कि दूध का दाम 100 रुपये प्रति लीटर होगा।
सिंघु बार्डर पर बैठे संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने दूध के दाम बढ़ाने की बात कही थी। भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान मलकीत सिंह ने कहा था कि एक मार्च से किसान दूध के दामों में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं, जिसके बाद 50 रुपये लीटर बिकने वाला दूध अब दोगुनी कीमत यानी 100 रुपये लीटर बेचा जाएगा। मलकीत सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाकर किसानों पर चारों तरफ से घेरने का भरसक प्रयास किया है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने तोड़ निकलाते हुए दूध के दाम दोगुने करने का कड़ा फैसला ले लिया है। अगर सरकार अब भी न मानी तो आने वाले दिनों में आंदोलन को शांतिपूर्वक आगे बढ़ाते हुए हम सब्जियों के दामों में भी वृद्धि करेंगे।