किसानों के हित में केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की ओर से बुधवार को किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी, इसे किसानों के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया। ऐसे में अब किसान खुद तय कर सकेंगे कि वह अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं अथवा नहीं।
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की ओर से बुधवार को किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी, इसे किसानों के लिये स्वैच्छिक बना दिया गया। ऐसे में अब किसान खुद तय कर सकेंगे कि वह अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं अथवा नहीं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तीन प्रमुख फैसले लिए हैं। इनमें सबसे पहले मंत्रिमंडल ने 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि यह आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर सलाह देगा।

गौरतलब है कि विधि आयोग का कार्यकाल इस वर्ष अगस्त में समाप्त हो रहा है। मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधि मंत्रालय अब नए आयोग के लिए अधिसूचना जारी करेगा, जिसका कार्यकाल तीन वर्ष होगा। मंत्रिमंडल ने अपना दूसरा अहम फैसला फसल बीमा को लेकर किया।

कृषि मंत्री ने इस संबंध में बताया कि मंत्रिमंडल ने फसल बीमा योजना में संशोधन को मंजूरी दी, इसे किसानों के लिये स्वैच्छिक बनाया गया है। तीसरे फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक को मंजूरी दी। जावड़ेकर ने बताया कि इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सहायक प्रजनन तकनीक (नियमन) विधेयक को मंजूरी दी है, जिसमें महिलाओं के प्रजनन अधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि इस विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण कदम है।

इसके तहत एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री और पंजीकरण प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव किया गया है जो सभी चिकित्सा पेशेवरों और इससे जुड़ी तकनीक का उपयोग करने वाले प्रतिनिधियों पर लागू होगा।
इसमें एक राष्ट्रीय बोर्ड और राज्य बोर्ड के गठन की बात भी कही गई है, जो कानूनी रूपरेखा को लागू करने में मदद करेगा। इसमें एक सेंट्रल डाटा बेस बनाने की भी बात कही गई है। इस डाटा का उपयोग शोध उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com