कृषि योजनाओं को आसानी से आम किसानों तक पहुंचाने के लिए आधार जैसा पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इसके लिए सरकार देश भर के किसानों का पंजीकरण करेगी। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की यह योजना 2,817 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन का हिस्सा है।
पांच करोड़ किसानों का पंजीकरण
यह जानकारी सोमवार को कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने आउटलुक-एग्रीटेक समिट एवं स्वराज अवार्ड्स के दौरान दी। कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के सहयोग से किया गया।योजना के तहत अगले वर्ष मार्च तक पांच करोड़ किसानों का पंजीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
किसानों का विशेष पहचान पत्र
इस विशेष पहचान पत्र के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के लिए आवेदन करते समय सत्यापन की जटिलता को कम करने में भी मदद मिलेगी। योजना में शामिल होने के लिए 19 राज्यों ने सहमति दे दी है। इसके लिए महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश में पहले ही एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा चुका है।
चैटबाक्स जैसी तकनीक विकसित
यह नया पंजीकरण विभिन्न कृषि योजनाओं तक किसानों की पहुंच को आसान बनाएगा। साथ ही सरकारी योजनाओं को अत्यधिक प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने में मदद करेगा। किसानों के लिए एक एआई आधारित चैटबाक्स जैसी तकनीक भी विकसित की जा रही है।