किसानों का टूटा सब्र: पंजाब में कई हाईवे जाम, फगवाड़ा में अमृतसर-दिल्ली एनएच पर धरना

पंजाब में धान की खरीद और लिफ्टिंग न होने के विरोध में किसानों ने पूरे प्रदेश में शनिवार को भी हाईवे जाम कर दिए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक वे सड़कों पर डटे रहेंगे।

पंजाब सरकार के खिलाफ भड़के किसान शनिवार को भी सड़कों पर उतर आए हैं। पंजाब में किसानों ने धान खरीद सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ एक दिवसीय ताजा विरोध प्रदर्शन की घोषणा की। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर मंडियों के नजदीक प्रमुख मार्गों को जाम करके धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी प्रदेशभर में किसानों ने कई हाईवे जाम कर दिए थे।

फगवाड़ा मुख्य चौक पर किसान सुबह से ही धरने पर बैठ गए हैं। भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) पंजाब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा 26 अक्टूबर को 4 बिंदुओं पर सड़क जाम करेंगे। दोपहर 1 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे और सड़कों पर बैठेंगे।

उधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है शनिवार को किसानों के धरने की वजह धान की खरीद न होना है। बड़रुखान और संगरूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर समय दोपहर एक बजे से हाईवे जाम कर दिए जाएंगे।

किसानों ने शनिवार को भी प्रदेश के नेशनल हाईवे जाम कर दिए हैं। इनमें फगवाड़ा में अमृतसर-दिल्ली हाईवे, संगरूर में बदरूखां, संगरूर-बठिंडा हाईवे, मोगा में डगरू, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, गुरदासपुर में सतियाली फूल, गुरदासपुर टांडा हाईवे और बटाला में बटाला रेलवे स्टेशन के पास किसानों ने धरना दिया है। इस वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। लोग खासे परेशान हो रहे हैं। इधर किसान हैं कि हाईवे खोलने को लेकर तैयार नहीं हैं।

इस मौके पर सरकार से धान की खरीद व लिफ्टिंग फौरी तौर पर करने की मांग कर रहे हैं। धान की लिफ्टिंग न होने पर आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी गई है। इसके तहत 29 अक्तूबर को सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक सभी डीसी दफ्तरों का घेराव किया जाएगा। साथ ही मंडियों में आने पर आप सरकार के मंत्रियों, विधायकों व अधिकारियों का काले झंडों के साथ घेराव करने का एलान किया गया।

मुख्यमंत्री ने मांगा था दो दिन का समय
किसान नेताओं रामिंदर सिंह पटियाला, दविंदर सिंह पुनिया आदि ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से 19 अक्तूबर को चंडीगढ़ में बैठक करके धान की निर्विध्न खरीद व लिफ्टिंग का मामला हल करने को दो दिनों का समय मांगा गया था। लेकिन मान के दिलाए भरोसे के बावजूद मंडियों में खरीद व लिफ्टिंग का संकट जस का तस बना हुआ है। इसके चलते किसानों को मंडियों में परेशान होना पड़ रहा है। उनकी बेटों की तरह पाली फसलें मंडियों में पड़ी खराब हो रही हैं। इसलिए मजबूरी में किसानों को सड़कों पर उतरना पड़ा है।

उपचुनावों में भाजपा और आप का विरोध करेंगे किसान
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार भी किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पंजाब के गोदामों व शैलरों में पड़े पुराने भंडारों की केंद्र ने समय पर लिफ्टिंग नहीं की, जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्होंने ऐलान किया कि अगर मसला हल न हुआ, तो विधानसभा के उपचुनावों में भाजपा व आप का विरोध करने से भी किसान जत्थेबंदियां गुरेज नहीं करेंगी।

इन मुख्य मार्गों पर धरना दे रहे किसान
अमृतसर-दिल्ली राजमार्ग, फगवाड़ा
बदरूखां, संगरूर-बठिंडा हाईवे, संगरूर
डगरू, मोगा-फिरोजपुर राजमार्ग, मोगा
सतियाली फूल, गुरदासपुर टांडा हाईवे, गुरदासपुर
बटाला रेलवे स्टेशन, बटाला

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