सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। सभी बातचीत बेनतीजा रही है। ऐसे में किसानों ने आंदोलन और तेज करने की धमकी दी है। इससे कल यानी 12 दिसंबर से लोगों की दिक्कत और बढ़ सकती है। वार्ता के लिए फिलहाल कोई अगली तारीख तय नहीं की गई है। सरकार को अपने प्रस्तावों पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार है। सरकार जहां कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने की बात कही है, वहीं किसान कृषि कानून को रद्द किए जाने की मांग पर अडिग हैं। ऐसे में किसानों ने आंदोलन को और तेज करने की रूपरेखा भी तय कर ली है। इसके तहत किसानों ने कल से हाईवे बंद करने की घोषणा की है। साथ ही रेलवे ट्रैक बाधित करने की भी घोषणा की गई है, कुछ कंपनियों की फैक्ट्री बाधित करने की भी बात कही गई है। किसान संगठनों और संस्थाओं ने दिल्ली से सटे तमाम बॉर्डर को सील करने की चेतावनी जारी की है।
सरकार पर और दबाव बनाने के लिए किसान अब दिल्ली-जयपुर हाईवे और दिल्ली-आगरा बॉर्डर को रोकने की कोशिश करेंगे। किसानों ने घोषणा की है कि 12 दिसंबर से दिल्ली जयपुर हाईवे और दिल्ली आगरा हाईवे को भी जाम किया जाएगा। किसानों ने 12 दिसंबर को देशभर के सभी टोल नाकों को भी टोल फ्री करने का एलान किया है। किसान संगठन हाईवे को जाम कर सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं। यदि देशभर के सभी टोल प्लाजा एक दिन के लिए भी मुक्त रहता है या उन पर आवाजाही बंद रहती है तो इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है।
आगे की रणनीति के तहत किसानों ने 14 दिसंबर से जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी और सरकारी कार्यालयों को घेरने का भी प्लान बनाया है। किसानों की रणनीति का मकसद है कि केंद्र किसानों की तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांगों को जल्द मानें।
ये है किसानों की रणनीति
– 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे को रोका जाएगा
– 12 दिसंबर को देश भर के सभी टोल प्लाजा फ्री होंगे
– देशभर के रेलवे ट्रैक बाधित करने की चेतावनी
– 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा
– 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा
– 14 दिसंबर को भाजपा ऑफिस का घेराव होगा
– दिल्ली की सड़कों को करेंगे जाम
– निजी कंपनियों के उत्पादों का बहिष्कार करने की घोषणा