कोरोना वायरस के इस समय में जब शहरी बाजार अपनी पुरानी रफ्तार वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में किराना स्टोर्स ने आवश्यक सामानों की नियमित आपूर्ती करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, कई सारी ऐसी रिहायशी क्षेत्र की दुकानें हैं, जो तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। यह रिपोर्ट कंसल्टेंसी कंपनी ईवाई (EY) के एक सर्वे पर आधारित है। इस सर्वे में भारत के पांच महानगरों व सात शहरों के विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छोटे व बड़े किराना दुकानकारों के साथ 27 गुणात्मक इंटरव्यूज लिये गए हैं।

ईवाई की ताजा रिपोर्ट ‘सेंटीमेंट्स ऑफ इंडिया-पल्स ऑफ द कंट्री, किराना’ ने बताया, ’40 फीसद किराना दुकानदार ऑनलाइन डिलीवरी और सप्लाई प्लैटफॉर्म्स के साथ साझेदारी करना चाहते हैं। वे समझते हैं कि इससे उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और यह मुश्किल वक्त में काम आएगा।’ रिपोर्ट के अनुसार, अति स्थानीय समुदाय में इसे लेकर एक नया विश्वास पैदा हुआ है।
ईवाई इंडिया पार्टनर-कस्टमर एक्पीरियंस एंड डिजाइन थिंकिंग शशांक श्वेत ने कहा, ‘कोरोना वायरस महामारी के कारण किराणा स्टोर्स स्थानीय गुमनाम नायकों की तरह उभरे हैं। उन्होंने बड़े स्तर पर समाज को सेवाएं दी हैं। किराना स्टोर मालिकों ने संकट के समय में मांग में परिवर्तन के साथ कई सारे कदम उठाए और उसी अनुसार अपनी दैनिक आपूर्ती का प्रबंध किया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जिस तरह से किराना स्टोर्स मालिक कोरोना वायरस महामारी का सामना करते हुए डिजिटल पेमेंट्स और ऑपरेटिंग मॉडल्स में बदलाव जैसे नवाचार और डिजिटल तकनीक को अपना रहे हैं, वह काफी सराहनीय है।’
सर्वे के अनुसार, महानगरीय और गैर महानगरीय क्षेत्रों में 20 फीसद किराना स्टोर मालिक वस्तुओं की स्थिर आपूर्ती और डिलीवरी में सहायता के लिए ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स का लाभ लेना शुरू कर चुके हैं।
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