मेले के दौरान श्रद्धालुओं में सोने और चांदी के ऐसे 85 लाख सिक्के बांटे गए। हालांकि, यह भारतीय मुद्रा नहीं बल्कि अखाड़े की ओर से खास तौर पर ढलाए गए सिक्के हैं, जिनके एक ओर अर्द्धनारीश्वर और दूसरी ओर माता बऊचरा का चित्र अंकित है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मान्यता है कि इन सिक्कों को अपने पास रखने से मंगल कामना पूरी होने के साथ ही उन्नति भी होती है। मेले के दौरान अखाड़े में दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं को किन्नर अखाड़े की आचार्य सहित अन्य संत-महात्माओं की ओर से सिक्के के साथ ही अक्षत भी दिया गया। किन्नर अखाड़ा फिलहाल महाशिवरात्रि तक कुंभ मेला क्षेत्र में रुकेगा।
आचार्य के मुताबिक जन्म लेने वाले बच्चे या बच्ची को सबसे पहले किन्नरों की ही गोद में देकर आशीर्वाद दिलाया जाता है, ऐसे में उस बच्चे से हमें भी माता-पिता जितना ही लगाव होता है। सिक्के को हरे कपड़े में बांधकर जेब और लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखना शुभतादायी है। इससे आर्थिक लाभ के साथ ही मन भी शांत होता है। वही इन सिक्कों को अपने पास रखने से मंगल कामना पूरी होने के साथ ही उन्नति भी होती है.