काशी में 23 नवंबर को आयोजित होने वाले देव दीपावली के लिए तैयारी जोरों पर है। काशी में गंगा के 84 घाटों पर 23 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली के आयोजनों में अयोध्या और मथुरा की झलक दिखेगी। तीन किलोमीटर तक फैले अर्धचंद्राकार घाटों पर जगमगाते लाखों दीप अयोध्या में दीपावली की याद दिलाएंगे तो फूलों की विशेष सजावट से मथुरा की श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की मनोरम छटा का अहसास होगा। काशी में देव दीपावली की तैयारी जोरों पर है। बताया जा रहा है कि इस साल काशी का देव दिपावली कई मायनों में ऐतिहासिक होगी। साथ ही इसे गिनीज बुक में भी दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। घाटों पर बदलते बनारस की तस्वीर दिखेगी तो दीपों के माध्यम से कहीं बेटी बचाओ, स्वच्छता अभियान जैसे विषयों पर संदेश दिए जाएंगे।
इस मौके पर सांस्कृति कार्यक्रम भी होंगे जिसमें प्रसिद्ध सरोद वादक पंडित शिवदास चक्रवर्ती का सरोद वादन होगा, तबले पर संगत देंगे कुबेर नाथ मिश्र। इन दोनों के द्वारा अमर संगीत विदुषी अन्नपूर्णा देवी को संगीतांजलि अर्पित की जाएगी। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इस महोत्सव में प्रसिद्ध फिल्म स्टार अनिल कपूर सम्मानित अतिथि होंगे।
राज्य सरकार ने पहली बार देव दीपावली पर घाटों से लेकर प्रमुख स्थानों पर उत्सव जैसा माहौल बनाने के लिए 50 लाख रुपये मंजूर किए हैं। इससे सभी घाटों पर एक जैसी सजावट की जाएगी। घाटों पर तैयारी अंतिम चरण में हैं, वहीं होटल-लॉज, गेस्ट हाउस, बजड़े-नाव पर हाउस फुल के बोर्ड लग गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस वर्ष देव दीपावली के अवसर पर काशी के खास मेहमान होंगे। 23 नवम्बर को मुख्यमंत्री अलकनंदा क्रूज से गंगा में भ्रमण करते हुए काशी के घाटों की छटा निहारेंगे।
लड़की कहा ‘हम लोगों को लड़कों के पास भेजने से पहले ड्रग्स देती…
मुख्य आयोजन राजघाट पर होगा। मुख्यमंत्री यहीं से आयोजन की शुरुआत करेंगे। इसके बाद क्रूज से अन्य घाटों के कार्यक्रम को देखेंगे। मुख्यमंत्री की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक घाट पर देव दीपावली के उत्सव को विशिष्ट स्वरूप देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री इस दिन मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआबाबा आश्रम में षष्ठम सतुआबाबा जगदगुरु यमुनाचार्य महाराज की अष्टधातु की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।
केंद्रीय देव दीपावली समिति के अध्यक्ष पं.वागीशदत्त शास्त्री ने बताया कि घाटों के साथ पहली बार गंगा के दूसरे किनारे रेती पर दीपों की लडि़यां रोशन होंगी। 84 घाटों और किनारे के ऐतिहासिक भवनों, गंगा पार तथा कुंड तालाबों पर करीब बीस लाख दीपदान के लिए सैकड़ों टिन तेल, दीप-बत्ती जुटाने और घाट समितियों को उसके वितरण की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। वहीं, लोक परंपरा के अनुरूप काशीवासी भी घर-घर देव दीपावली मनाएंगे।