कार्यक्षेत्र में हमारी कार्यक्षमता हमारा भविष्य तय करती है। कार्यक्षमता अगर प्रभावित होने लगे तो आत्मविश्वास भी डगमगाने लगता है और नकारात्मकता हावी होने लगती है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी कार्यक्षमता को लगातार उन्नत बनाए रखें। वास्तु शास्त्र में कार्यक्षमता में वृद्धि लाने को लेकर कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं।
कार्यक्षेत्र और घर में अपने आसपास सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें। घर या प्रतिष्ठान को स्वच्छ रखें। घर या प्रतिष्ठान में धूप, अगरबत्ती का उपयोग रोजाना करें। कार्यक्षेत्र को लेकर अगर नई योजनाओं को बनाते हैं तो इसके लिए सुबह का समय निर्धारित करें। पैसे से जुड़े कार्य को करने से पहले मां लक्ष्मी का स्मरण करें।
घर में हंसते हुए बच्चों, सुंदर बाग बगीचे और बसंत ऋतु के चित्र लगाएं। वास्तु में कुछ वस्तुओं को उपहार में देना शुभ माना जाता है। किसी भी शुभ प्रसंग में हाथी या हाथी का जोड़ा देना शुभ होता है। घोड़े ऊर्जा का प्रतीक हैं। सात घोड़े सूर्य के रथ के प्रतीक हैं, जो सात रंगों की किरणों के प्रतिनिधि भी माने जाते हैं। सूरज की रोशनी के संपर्क में रहने का प्रयास करें। इससे कार्यक्षमता बढ़ती है।
कार्यालय में अगर उत्तर-पूर्व दिशा की ओर चेहरा कर बैठते हैं तो कार्यक्षमता में इसका सकारात्मक असर होता है। कार्यालय में टेलीफोन, बिजली के तार आदि लटके हुए न हों। स्वास्तिक, मंगल कलश, ऊं आदि के चित्र लगाने से सुख शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव उत्पन्न होता है। पक्षियों को दाना खिलाने को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।