बॉलिवुड की सुपरस्टार श्रीदेवी को अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने से शनिवार देर रात उनकी मौत हो गई। कार्डिएक अरेस्ट अचानक मौत होने की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। यहां बता दें कि कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों अलग समस्याएं हैं। लेकिन हार्ट अटैक के ठीक बाद या रिकवरी के बाद कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है। वैसे तो कार्डिएक अरेस्ट होने से पहले कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और अगर आपके सामने किसी को यह समस्या हो जाए तो उसे तुरंत सीपीआर देकर उसके बचने के चांसेज बढ़ा सकते हैं।
अगर किसी ठीकठाक व्यक्ति का बीपी अचानक डाउन हो जाए। शरीर पीला पड़ने लगे और वह लड़खड़ाकर जमीन पर गिर जाए। इसी के साथ उसकी धड़कन अनियमित हो जाए और पल्स बंद हो जाए तो यह कार्डिएक अरेस्ट का लक्षण हो सकता है। कभी-कभी सांस फूलना, उल्टी या चेस्ट पेन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। अगर आपके सामने किसी व्यक्ति को कार्डिएक अरेस्ट हो जाए तो सीपीआर (Cardio-Pulmonary Resuscitation) देकर उसके सर्वाइवल रेट को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए ये स्टेप्स फॉलो करे…
– मरीज को आराम से जमीन पर हवा वाली जगह पर लिटा दें। उसकी चिन को थोड़ा सा ऊपर करें सिर को इस तरह से ऊपर कर दें ताकि जीभ अंदर न गिरे।
– अब मरीज की चेस्ट के बीच में जोर-जोर से पुश करें या मुक्का मारें। इस प्रक्रिया का कार्डिएक थंप कहते हैं। इसके बाद सीपीआर शुरू करें।
– मरीज के पास बैठकर अपना दायां हाथ मरीज के सीने पर रखें, दूसरा हाथ इसी के ऊपर रखें और उंगलियों को आपस में फंसा लें। – हथेलियों से 10 मिनट के लिए सीने के बीच वाले हिस्से को जोर से दबाएं।
– एक मिनट में 80 से 100 की रफ्तार से दबाएं।
– इस प्रक्रिया में आपका जोर से और तेज-तेज दबाना जरूरी है। इतना तेज दबाएं कि हर बार सीना करीब डेढ़ इंच नीचे जाए।
-इसी बीच किसी से डॉक्टर को बुलवा लें लेकिन जब तक डॉक्टर न आ जाएं रुकें नहीं। नब्ज देखने के लिए भी न रुकें।
नोट: अगर बच्चों को सीपीआर देना हो तो इसके साथ-साथ मुंह-से-मुंह मिलाकर सांस भी देना चाहिए, बशर्ते कार्डिएक अरेस्ट की वजह डूबना न हो। बड़ों में मुंह-से-मुंह मिलाकर सांस देने की सलाह नहीं दी जाती।