पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध को फौज की बजाय महज कुछ जनरलों की कारस्तानी करार दिया। कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे शरीफ ने कहा कि हिमालयी की ऊंची चोटियों पर लड़ रही पाकिस्तानी फौज के पास न तो हथियार थे और न ही सैनिकों को खाना ही दिया गया, इसके बावजूद कुछ जनरलों ने महज अपनी गर्दन बचाने के लिए उन्हें लड़ाई में झोंक दिया।
इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार को 11 विपक्षी दलों के गठबंधन की रैलियों में लगातार निशाने पर रखने वाले शरीफ रविवार को बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में आयोजित रैली में शीर्ष फौजी अधिकारियों पर जमकर बरसे।
लंदन से वीडियो लिंक के जरिये रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख रहे जनरल परवेज मुशर्रफ का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला।
अयूब स्टेडियम में आयोजित रैली में शरीफ ने कहा, कारगिल में हमारे सैकड़ों जवानों को शहीद करवाने और पाकिस्तान को दुनिया में रुसवा कराने का फैसला फौज का नहीं, कुछ जनरलों का था।
इन जनरलों ने खुद को बचाने के लिए फौज को ही नहीं देश और कौम को भी ऐसी जंग में झोंक दिया, जिसका कोई फायदा नहीं हो सका। शरीफ ने कहा, मुझे सबसे ज्यादा तकलीफ अपने बहादुर सिपाहियों की ये बात सुनकर हुई कि कारगिल की चोटियों पर खाना तो दूर पर्याप्त हथियार तक नहीं भेजे गए।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष और तीन बार के प्रधानमंत्री शरीफ ने गुजरांवाला और कराची की रैलियों की तरह यहां भी पाकिस्तान के वर्तमान सेना प्रमुख जनरल एक बार फिर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को देश के वर्तमान हालात का जिम्मेदार ठहराया।
पिछले साल नवंबर में चार सप्ताह के लिए दिल की बीमारी का इलाज कराने को लंदन जाने की इजाजत मिलने के बाद 70 वर्षीय शरीफ वापस नहीं लौटे हैं। उन्होंने कहा, जनरल बाजवा, आपको अवाम के जनादेश के खिलाफ और संविधान व कानून की धज्जियां उड़ाकर इमरान खान नियाजी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए साल 2018 के चुनाव में रिकॉर्ड धांधली और संसद में हार्स ट्रेडिंग कराने का जवाब देना होगा।
शरीफ ने आईएसआई चीफ पर अपनी शपथ के खिलाफ सालों तक राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, वह अपनी सेना को बेइज्जत नहीं करना चाहते, इसलिए केवल जिम्मेदार अधिकारियों का नाम ले रहे हैं।
विपक्षी दलों के गठबंधन पीडीएम की क्वेटा में तीसरी सरकार विरोधी रैली में भी जमकर भीड़ उमड़ी। गत 20 सितंबर को 11 विपक्षी दलों ने मिलकर पीडीएम का गठन किया था। नवाज शरीफ की बेटी और पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने रैली में कहा कि यह पाकिस्तान और बलूचिस्तान के भाग्य को बदलने का समय है।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी वीडियो लिंक के जरिये रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ये कैसा लोकतंत्र है, जहां न मीडिया और न ही न्यायपालिका को स्वतंत्रता हासिल है। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के अध्यक्ष सरदार अख्तर मेंगल ने इमरान खान सरकार को गुमशुदा लोगों के मुद्दे पर बेहद लताड़ लगाई। इमरान सरकार के सबसे बड़े आलोचकों में से एक मोहसिन डावर को शनिवारक को ही क्वेटा एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया था। पीटीएम के सांसद डावर ने ट्वीट के जरिये अपना दुख जाहिर किया।
क्वेटा में रैली स्थल से करीब 35 मिनट दूरी पर हजारगंजी क्षेत्र में एक बाइक में आईईडी बम फट गया, जिसे तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 अन्य लोग घायल हो गए। इसके बावजूद रैली में जमकर भीड़ उमड़ी।