माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने आरोप लगाया कि यूडीएफ को ऐसे वीडियो रिकॉर्ड करने और उन्हें प्रसारित करने का पहले से अनुभव है। मीडिया से बात करते हुए गोविंदन ने कहा कि यूडीएफ ने ही (लोकसभा) चुनावों के दौरान सांप्रदायिक और आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित किए थे।
‘काफिर’ अभियान विवाद को लेकर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) द्वारा लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। अब सत्तारूढ़ एलडीएफ गठबंधन के घटक दल माकपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ गठबंधन पर पलटवार किया है। माकपा ने यूडीएफ पर वडकारा में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान ‘सांप्रदायिक और आपत्तिजनक वीडियो’ प्रसारित करने का आरोप लगाया।
माकपा ने यूडीएफ पर लगाए आरोप
माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने आरोप लगाया कि यूडीएफ को ऐसे वीडियो रिकॉर्ड करने और उन्हें प्रसारित करने का पहले से अनुभव है। मीडिया से बात करते हुए गोविंदन ने कहा कि यूडीएफ ने ही (लोकसभा) चुनावों के दौरान सांप्रदायिक और आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित किए थे। एलडीएफ ने इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई थी।
क्या है काफिर मामला
लोकसभा चुनाव के दौरान केरल की वडकारा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के शफी परम्बिल और सीपीआईएम की केके शैलजा के बीच मुकाबला था। चुनाव में एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था। जिसमें शफी को मुस्लिम होने के नाते वोट देने की अपील की गई थी। वहीं सीपीआईएम उम्मीदवार केके शैलजा को काफिर (गैर मजहबी) बताया गया था। चुनाव में शफी परम्बिल को जीत मिली और अब वह सांसद हैं। स्क्रीनशॉट के वायरल होने के बाद एलडीएफ और यूडीएफ में बयानबाजी शुरू हो गई। एलडीएफ ने यहां यूडीएफ पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया। वहीं यूडीएफ ने कहा कि यह स्क्रीनशॉट खुद एलडीएफ ने वायरल किया है ताकि मतदाताओं का ध्रुवीकरण हो सके। इस मामले में पुलिस में शिकायत भी हुई है।
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