उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका द्वारा एक दलित बच्चे को बेरहमी से पिटने का मामला सामने आया है। प्रधानाध्यापिका मासूम द्वारा खाने के लिए घर से थाली न लाने पर नाराज थी। पिटाई के कारण छात्र के शरीर पर जख्म के गहरे निशान पड़ गए। वहीं सूचना मिलने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने एक्शन लेते हुए प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया।
ये मामला चौबेपुर विकास खंड के बनी गांव का है। प्राथमिक विद्यालय में मजरा दयालुर के संतोष कमल का बेटा सूर्यांश चौथीं कक्षा में पढ़ता है। सोमवार को जब वसह स्कूल गया तो मिड डे मील के लिए घर से थाली ले जाना भूल गया। जब वह दोपहर सभी बच्चों के साथ लाइन में खाने के लिए लगा था। तभी स्कूल की प्रधानाध्यापिका गीता दीक्षित ने उससे थाली न लाने के बारे में पूछा। इस पर 9 साल के सूर्यांश ने बताया कि वह घर से थाली लाना भूल गया है। ये सुनते ही प्रधानाध्यापिका नाराज हो गयीं और स्कूल परिसर में सूर्यांश को घुमा-घुमा कर पिटने लगीं। मेडम की मार की वजह से मासूम के नाक से खून निकलने लगा। वहीं उसके शरीर पर जख्म के निशान बन गए।
शाम को रोते-रोते सूर्यांश घर पहुंचा और इसकी जानकारी परिजनों को दी। वहीं परिजनों ने इसकी शिकायत बेसिक शिक्षा अधिकारी को दी। बीएसए ने मामले को गंभीरता से लेते हुए। चौबेपुर खंड शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिे। आरोप सही पाए जाने पर बीएसए सुरजीत कुमार सिंह ने आरोपी प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया।