कानपुर में लैब असिस्टेंट संजीत यादव का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई है. अपहरण करने वालों ने 30 लाख रुपये की मांग की थी.
पुलिस के भरोसे पर परिवार गहने-जेवर बेचकर 30 लाख की फिरौती जुटाता है. 30 लाख की फिरौती भी दे दी जाती है, लेकिन पुलिस अगवा युवक को बचा नहीं पाती और उसकी हत्या हो जाती है.
संजीत यादव की बहन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस शुरुआत से लापरवाही कर रही है. अभी भी पुलिस को संजीत का बैग नहीं मिला है.
अभी तक हमें उसकी लाश नहीं मिली है. हमें बॉडी तो दिखा दो, आखिरी बार उसकी कलाई पर राखी तो बांध लूं.
पूरा घटनाक्रम बताते हुए संजीत यादव की बहन ने कहा कि पहले बर्रा के थाना इंचार्ज रणजीत राय ने कहा, फिर मैं साउथ मैडम के पास गई थी, तो मैडम ने कहा कि जाइए पैसे की व्यवस्था कीजिए, पैसा नहीं जाएगा और बच्चा वापस आ जाएगा. उनके कहने पर हमने फिरौती की रकम दी थी.