राजस्थान में डिप्टी सीएम पद से सचिन पायलट को हटाए जाने के बाद रायबरेली से विधायक अदिति सिंह ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. बातचीत में उन्होंने बताया कि मेरा उदाहरण तो सबके सामने है. मुझे तो शादी के अगले दिन ही नोटिस थमा दिया गया था. मेरा जुर्म सिर्फ इतना था कि मैंने सदन में अपनी बात रखी थी.
अदिति सिंह ने कहा, ‘मैं दूसरों के मामलों में तो कुछ नहीं बता सकती है, उनके मामले में क्या सुनवाई हुई और फिर क्या हुआ. लेकिन हां मेरे मामले में बेशक मेरे साथ जो हुआ है वो सबके सामने है.
मेरी इकलौती गलती थी कि 2 अक्टूबर को हाउस में जाकर मैं बोली. उसके बाद इन्होंने (कांग्रेस) मेरी शादी के एक दिन बाद मुझे नोटिस थमा दिया. मेरा जुर्म क्या था कि मैंने हाउस में बोला जिसके लिए मैं निर्वाचित हूं.’
अदिति सिंह ने कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य हूं. मेरी ड्यूटी है कि मैं बोलूं. मैंने कई मसलों को लेकर शिकायत की थी लेकिन बहरहाल कुछ नहीं हुआ तो हमने शिकायत करना ही बंद कर दिया.
मैं शिकायत करने में ज्यादा विश्वास भी नहीं करती हूं. मैं अपने क्षेत्र की समस्याओं के लिए सदन पहुंची हूं और वही करने का प्रयास कर रही हूं.’
बता दें कि कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका को विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया है.
विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने साक्ष्यों के अभाव में याचिका खारिज की है. पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने याचिका दाखिल की थी.
अदिति सिंह ने जून में कांग्रेस पार्टी के सारे वाट्सऐप ग्रुप को छोड़ दिया था. इससे पहले उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का नाम हटा दिया था.
लॉकडाउन के दौरान बस विवाद पर कांग्रेस और योगी सरकार आमने-सामने थी तो अदिति पार्टी के खिलाफ खड़ी नजर आई थीं.