लोकसभा चुनाव के तहत 12 मई को होने वाले मतदान के मद्देनजर उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट (North East Delhi lok Sabha Seat) पर कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित के प्रचार शुरू करते ही पार्टी में कोहराम भी मचना शुरू हो गया। दरअसल, पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने पूर्व जिलाध्यक्ष और चार बार के विधायक भीष्म शर्मा को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया था। इसका अब विरोध शुरू हो गया है। निलंबन के खिलाफ रविवार को एक साथ 12 नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भेज दिया। इसमें कहा गया है कि भीष्म शर्मा ने पार्टी विरोधी कोई काम नहीं किया है। इसके अलावा कार्रवाई से पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया गया। खास बात यह है कि सभी इस्तीफे का मजमून एक ही है। सभी ने अपने पदों से इस्तीफा दिया है और पार्टी में बने रहेंगे।

इस्तीफा देने वालों में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन द्वारा बनाए गए डेलीगेट, जिले और ब्लॉक के पदाधिकारी हैं। इनमें से कुछ निगम चुनाव भी लड़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई अन्य पार्टी नेता अपना इस्तीफा भेज देंगे।
इस फैसले के खिलाफ भीष्म शर्मा ने सोमवार को कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी बुलाई है। इसके अलावा भीष्म समर्थित कुछ संगठन शीला के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी में है।
दरअसल भीष्म शर्मा और शीला दीक्षित के बीच खींचतान करीब 15 साल पुरानी है। यह अलग बात है कि शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते भी भीष्म को विधानसभा चुनाव में लगातार टिकट मिला। भीष्म 1993 से अब तक करीब सात बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें चार में उन्हें जीत मिली थी। इस बार यहां से लोकसभा चुनाव का टिकट मांग रहे थे।
हाल में जब शीला दीक्षित को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा रहा था, तभी से भीष्म ने उनका विरोध शुरू कर दिया था। लेकिन उनके विरोध को कोई तवज्जो नहीं मिली। शीला प्रदेश अध्यक्ष बनीं और उत्तर-पूर्वी संसदीय सीट का उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट भी मिल गया। भीष्म की जिले में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
ऐसे में नामांकन भरने के दो दिन बाद ही शीला दीक्षित के निर्देश पर कार्यालय सचिव के हस्ताक्षर से उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया। इसके बाद विवाद बढ़ गया। बताया जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी पीसी चाको शीला दीक्षित के इस फैसले को असंवैधानिक करार दे चुके हैं।
मनोज तिवारी से मिलना पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं
भीष्म शर्मा भीष्म शर्मा का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन के 41 साल कांग्रेस को दिए हैं। किसी भाजपा नेता से मिलना पार्टी विरोधी गतिविधि कैसे हो सकता है।
मैं मनोज तिवारी से कई बार मिला। वह यहां के सांसद हैं। उनसे शिष्टाचार के नाते भी मुलाकात की जा सकती है और अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी। मैंने अपनी बातें भी पार्टी के मंच पर रखी हैं। पार्टी विरोधी किसी गतिविधि में शामिल नहीं रहा।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal