पीएम मोदी ने कहा कि लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए आईआईएम के छात्रों को नए और इनोवेटिव समाधान खोजने होंगे. उन्होंने कहा कि आईआईएम लोकल उत्पादों और ग्लोबल सहयोग के बीच पुल का काम कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, जब आप में से कई साथी संबलपुरी टेक्सटाइल और कटक की फिलिगिरी कारीगरी को ग्लोबल पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए काम करेंगे, तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओड़िशा के विकास को भी नई गति मिलेगी.
उन्होंने कहा कि काम करने के तरीके और मैनेजमेंट स्किल्स की डिमांड तेजी से बदल रही है. आज उच्च स्तर पर ज्यादा भारी-भरकम मैनेजमेंट की जरूरत नहीं है. यह सहयोगी, नवीन और परिवर्तनकारी प्रबंधन में बदल गया है.
संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, कहीं से भी काम करने के कॉन्सेप्ट से पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज से ग्लोबल वर्कप्लेस में बदल गई है. भारत ने भी इसके लिए हर जरूरी रिफॉर्म्स बीते कुछ महीनों में तेजी से किए हैं.
जानकारी के मुताबिक, IIM संबलपुर कैंपस का निर्माण कार्य अप्रैल 2022 तक पूरा हो जाएगा. यहां बनने वाली सभी इमारतें आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी. ये इमारतें ऊर्जा के मामले में किफायती तो होंगी ही, साथ ही हरित श्रेणी की होंगी और ‘जीआरआईएचए’ के मानकों के अनुरूप होंगी.
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