कश्मीर में शहीद कर्नल की पत्नी अब बनने जा रही सेना में अफसर, बोली- मेरे खून की अब...!

कश्मीर में शहीद कर्नल की पत्नी अब बनने जा रही सेना में अफसर, बोली- मेरे खून की अब…!

New Delhi: दुश्मनों से बदला लेने के लिए एक पत्नी ने अपने आंसू पोछकर हौसले बुलंद कर लिए हैं। पति की शहादत के बाद पत्नी ने देश के लोगों की रक्षा का संकल्प और दुश्मनों से बदला लेने की भावना लिए सेना में भर्ती होने की तैयारी पूरी कर ली है।कश्मीर में शहीद कर्नल की पत्नी अब बनने जा रही सेना में अफसर, बोली- मेरे खून की अब...!दुनिया के इस देश में हैं ‘चुड़ैलों का गांव’ जहाँ रहती है 1000 से ज्यादा चुड़ैल

जम्मू-कश्मीर में 2 साल पहले आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए सेना के जाबांज कर्नल संतोष महादिक की पत्नी को भारतीय सेना में 9 सितंबर 2017 को  आर्मी आर्डिनेंस कॉर्प्स (AOC) में नियुक्त किया जाएगा। जी हां- दुश्मनों से बदला लेने के लिए जल्द ही स्वाति महादिक सेना में अफसर बनने जा रही हैं। 

 

शहीद कर्नल की पत्नी ने पति की शहादत के बाद सेना में शामिल होने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद रक्षा मंत्रालय द्वारा इस मामले को मंजूरी दे दी गई थी। बता दें कि स्वाति महादिक ने अपने पति के अंतिम संस्कार के वक्त सेना में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी। लेकिन उनकी उम्र अधिक थी इस लजह से सेना में शामिल होने में बाधा आ रही थी। 

 

जिसे बाद में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना प्रमुख दलवीर सिंह से स्वाति को सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा में आयु सीमा में छूट देने की सिफारिश की थी।

बता दें कि SSB का एग्जाम देने की उम्र 27 साल होती है। जबकि उनकी उम्र 37 साल थी। खबर के मुताबिक, स्वाति ने सेना के गैर-तकनीकी कोर्स में दाखिला लिया था और 11 महीने का कठोर प्रशिक्षण पूरा किया।

अब उन्हें आधिकारिक तौर पर सेना में नियुक्ति का इंतजार है। सेना के एक अधिकारी ने बताया, “लेडी कैडेट ने एओसी में जाने का विकल्प चुना है और उनकी पसंद को स्वीकृति मिल चुकी है इसलिए वो जल्द ही सेना में नियुक्त हो जाएंगी।

 

उच्च अधिकारी ने बताया कि स्वाति ने फीजिकल और एकैडमिक दोनों तरह की ट्रेनिंग ली और सेना में भर्ती होने के लिए कठोर प्रयास किया। ओटीए के एक अफसर ने कहा कि स्वाति ने “अप्रतिम साहस दिखाते हुए” ये प्रशिक्षण पूरा किया है। ओटीए अफसर ने कहा, उसने जिस तरह खुद को सैन्य जरूरतों के हिसाब से ढाला वो उसकी मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है।

 

बता दें कि पति की शहादत से पहले स्वाति स्कूल टीचर थीं लेकिन बाद में उन्होंने सेना में शामिल होने के फैसला किया। स्वाति ने पुणे के सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। उनके दो बच्चे हैं। एक 12 साल की लड़की और एक सात साल का बेटा। स्वाति को देश की रक्षा करते दिवंगत हुए सैन्य अधिकारियों की बेवा होने के नाते उम्र इत्यादि पात्रताओं में छूट दी गयी। उन्होंने ओटीए की परीक्षा पास करके अपना प्रशिक्षण शुरू किया था।

 

कर्नल संतोष महादिक 41 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर थे। 1998 में भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेज में कमीशन लेने वाले महाराष्ट्र के कर्नल संतोष को आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशनों में उनके कुशल नेतृत्व और अदम्य साहस के लिए सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया था। 

 

कर्नल संतोष 21 पैरा- स्पेशल कमांडो यूनिट में रहे और कई ऑपरेशन्स को अंजाम तक पहुंचाया। 26 जनवरी को कर्नल महादिक को मरणोंपरांत शौर्य च्रक से सम्मानित किया गया। बताते चले कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान कर्नल संतोष को सिर में गोली लगी थी। यह मुठभेड़ जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा से 8 किलोमीटर दूर मानीगढ़ के जंगलों में हुई थी।

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