लगता है कि दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ (ISIS) मुस्लिम बहुल जम्मू और कश्मीर राज्य को कैलफेट में तब्दील करने के कुत्सित गेमप्लान को अमली जामा पहनाने की कोशिश में जुटा है. इस संगठन के आतंकी आकाओं की तरफ से तैयार ब्लू-प्रिंट से कुछ ऐसा ही आभास होता है.
ISIS के ऐसे ही एक शैतानी मंसूबे से जुड़े दस्तावेज इंडिया टुडे के हाथ लगे हैं जो इस आतंकी संगठन ने अशांत घाटी के लिए बना रखा है. उस घाटी के लिए जो पहले से ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI समर्थित आतंकवाद से त्रस्त है. ये दस्तावेज और कहीं नहीं इस्लामिक स्टेट के एक प्रकाशन का ही हिस्सा है. ये दस्तावेज हिमालयाई क्षेत्र में मार-काट का आह्वान करता है, जेहाद का महिमा-मंडन करता है, साथ ही आतंकी संगठन की ट्रेडमार्क पहचान उस नफरत को दर्शाता है जो वो लोकतांत्रिक शासन के खिलाफ हमेशा जताता रहता है.
जहर और द्वेष से भरे पैराग्राफ्स की कड़ी में ISIS ने सेना के खिलाफ खतरनाक गुरिल्ला युद्ध भड़काने की भी कोशिश की है. आतंक के इस जरनल के एक पैरा में कहा गया है- ‘तुम एक मजबूत फौज से नहीं बल्कि मूर्तियों को पूजने वालों और गोमूत्र पीने वालों से लड़ रहे हो.’ आगे लिखा गया है- ‘ये सबसे कमजोर शक्तियां हैं. तुम्हें उन पर अवश्य हमला करना चाहिए. तुम्हें उन्हें घेर लेना चाहिए. उन्हें कत्ल कर दो. अगर आसमान तक भी उनका पीछा करना पड़े तो करो.
ऐसे खतरनाक उकसावे के साथ ही आतंकी संगठन ने उदारवादी इस्लाम और इसकी नरम सूफी जड़ों को भी घाटी से मिटाने का मंसूबा बना रखा है. ISIS शरिया कानून और आठवीं सदी के इस्लाम के मुताबिक कैलिफेट बनाने की अपनी रट में कहता है- ‘उन बुरे उलेमा को मार डालो जो अफवाहें फैलाते हैं. उनका कत्ले-आम करने के लिए अपने को प्रतिबद्ध करो.’