अभी हाल ही में पाकिस्तान ने भारत से कश्मीर मुद्दे पर बात करनी चाही लेकिन भारत ने कश्मीर को अपना आतंरिक मामला बता कर पकिस्तान के दोनों न्योतों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके बाद अब पाकिस्तानी दूत ओवैस लेघारी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्विट्ज़रलैंड सरकार के पास गए।
लेकिन यहाँ मामला भारत से भी दो कदम आगे का निकला| यहाँ बात करना तो दूर स्विट्ज़रलैंड के अधिकारीयों ने लेघारी को मिलने के लिए अपॉइंटमेंट तक नहीं दी| भारत जितना ही दुनिया भर के अलग-अलग देशों के करीब आ रहा है, पकिस्तान की दुनिया भर में वैसे-वैसे बदनामी बढती जा रही है|
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कोई भी देश कश्मीर मुद्दे तक पे क्या,किसी मुद्दे पर पाकिस्तान से बात नहीं करना चाह रहा है| इन्ही बातों का गुस्सा पाकिस्तान अपने ही लोगों पर निकल रहा है| पकिस्तान अधकृत कश्मीर के लोगों ने भी पकिस्तान का साथ छोड़ कर भारत से हाथ मिला लिया है| बताया जा रहा है की स्विट्ज़रलैंड ऑफिसियल अधिकारीयों के मना करने पर भी लेघारी वह पर टिके हुए हैं और उनसे मिलने की मिन्नतें कर रहे हैं|
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का बयान है कि, नेशनल मिनिस्ट्री ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स के चैरमैन ओवैस लेघारी जिनेवा और बर्न के दौरे पर हैं और वो वहां पाकिस्तानी मूल के लोगों से मीकर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करेंगे| लेकिन इस पलट जो हालत नज़र आ रहें हैं उसका जिक्र पाकिस्तानी मीडिया में कहीं नहीं हो रहा है|
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पकिस्तान के बिगड़ते हालत देखकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ काफी चिंतित नज़र आ रहे हैं| लेकिन सच्चाई यही है की पकिस्तान को विदेशों और भारत में चर्चा करने से पहले अपने अदुरुनी हालत मज़बूत करने चाहिए, जो अब उसके लिए नामुमकिन सा हो गया है| ऐसे में कश्मीर को हर जगह से धुतकारा जा रहा है, जो काफी शर्मनाक है| गलत का नतीजा हमेशा गलत ही होता है|
newstrend.in से साभार……………