जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकवादियों से जूझ रहे सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की सहायता के लिए संतों-कार्यकर्ताओं का एक जत्था रवाना होने की तैयारी कर रहा है. कानपुर के एक हिंदूवादी संगठन जनसेना के बैनर तले ये जत्था कल यानी 7 मई को इस मकसद से कश्मीर रवाना होंगे|
खास बात यह है कि इन संतों के साथ पत्थरों से भरा ट्रक भी जाएगा, ताकि पत्थरबाजों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जा सके. यही नहीं, इससे पहले जनसेना की ओर से इन कार्यकर्ताओं को पथराव से निपटने की ट्रेनिंग भी दी गई है| इस ट्रेनिंग का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें ये कार्यकर्ता पत्थऱबाजों के पुतलों पर पत्थरों से निशाना लगा रहे हैं|
जनसेना के प्रमुख चेतन महापुरी ने अपनी इस मुहिम को युद्ध विजय यज्ञ नाम दिया है. उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इजाजत मांगी थी कि कश्मीर में हमें पत्थरबाजों से दो-दो हाथ कर जवानों का हौसला बढ़ाने दिया जाए, लेकिन वह हमें नहीं मिली| जिला प्रशासन ने भी इसकी इजाजत नहीं दी है, लेकिन हम परिणामों की परवाह किए बगैर अपने रास्ते पर आगे बढ़ेंगे. अगर हमें रोका गया, तो हम अपने-अपने स्तर पर वहां जाकर फिर से एकजुट हो जाएंगे|