उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे जो बच्चे-बच्चियां बाहर की विश्वविद्यालयों में तालीम हासिल करने गए है, उन्हें निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे बच्चे जो विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं, उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, वे सिर्फ शिक्षा चाहते हैं।
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत के बाद देशभर में कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है। इस मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सोची समझी साजिश के तहत एक पूरी कौम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमलों की पीएम की ओर से कोई निंदा नहीं की गई, अगर वह व्यस्त हैं तो गृहमंत्री कुछ कह सकते थे। यहां तक कि कांग्रेस ने भी कुछ नहीं कहा। हमें एक राजनेता की जरूरत है, राजनीतिज्ञ की नहीं।
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के सदस्यों की सुरक्षा हटाने के आदेश पर भी सरकार को आड़े हाथ लिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मेरा चिंता इस बात को लेकर है कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों की सुरक्षा को हटा लिया गया है। एक तरफ तो आप कहते हैं कि हमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहना होगा, लेकिन दूसरी ओर आप हमारी सुरक्षा छीन रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने बुधवार को एक और बड़ा कदम उठाते हुए 18 और हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाई और कई की सुरक्षा कम कर दी गई। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 155 राजनीतिक व्यक्तियों की भी सुरक्षा में बदलाव किया गया। गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा हटाए जाने या कम करने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले सरकार ने चार अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाई थी।
जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई या कम की गई है उनमें एसएएस गिलानी, आगा सैयद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर बट, नईम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा, फारूक अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, आगा सैयद अबुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह और मोहम्मद मुसद्दिक बट शामिल हैं।
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