राजस्थान सरकार में मंत्री और सीएम अशोक गहलोत के विश्वासपात्र प्रताप खचरियावास ने कहा है कि राज्यपाल कलराज मिश्र बीजेपी के कार्यकर्ता नहीं हैं बल्कि राजस्थान सरकार के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि ये हमारा नैतिक और कानूनी अधिकार है कि हम संवैधानिक प्रमुख के घर जाएं और उन्हें अपनी समस्याएं कहें.
राजस्थान में कांग्रेस सरकार बचाने में जी-जान से जुटे खचरियावास ने कहा कि हमारा ये हक है कि हम उनसे अपना अधिकार मांगें. समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करने के लिए अपील करना, राज्यपाल से अपना हक मांगना ये हमारा अधिकार है.
राजस्थान में राज्यपाल बनाम सीएम की खींचतान के बीच परिवहन मंत्री प्रताप खचरियावास का बयान अहम है. बता दें कि राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग को लेकर कांग्रेस के विधायकों ने राजभवन में धरना दिया था.
इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि अगर विधानसभा सत्र की मांग को लेकर राज्य की 8 करोड़ जनता धरना देती है तो इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी.
सीएम के इस बयान पर राजस्थान बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और इसे आपराधिक कृत्य के समान बताया था. अब प्रताप खचरियावास ने सीएम के इस बयान का बयान किया है और इस पर सफाई दी है. खचरियावास ने कहा कि मुख्ममंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि लोग राजभवन आएंगे, इसका मतलब ये नहीं था कि ये लोग राजभवन के अंदर घुस जाएंगे.
खचरियावास ने कहा कि यदि राज्यपाल पर एक कंकड भी फेंका जाता है तो सीएम गहलोत खुद पहले इसका सामना करेंगे. राजस्थान कैबिनेट इसका सामना करेगी, राजस्थान पुलिस इसे देखेगी.
खचरियावास ने कहा कि कलराज मिश्र बीजेपी कार्यकर्ता नहीं हैं बल्कि राज्य के प्रमुख हैं और लोगों को अपनी समस्याएं लेकर उनके घर जाने का अधिकार है.