केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण भारत सरकार का बजट 1 फरवरी 2024 को लोक सभा में प्रस्तुत करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार का वर्तमान कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने और अप्रैल-मई 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर यह एक अंतरिम बजट होगा। यूनियन बजट से विभिन्न सेक्टर्स की तरह ही एजुकेशन सेक्टर को भी काफी उम्मीदें (Education Budget 2024 Expectations) हैं। स्कूल, यूनिवर्सिटी, प्रोफेशनल एजुकेशन प्लेयर्स की बजट से उम्मीदों में रिसर्च एवं डेवेलपमेंट के लिए अधिक आवंटन, एजुकेशन लोन पर कम ब्याद दर, टीचर्स की अप-स्किलिंग, आदि शामिल हैं।
बढ़े R&D पर खर्च, कम हो एजुकेशन लोन पर ब्याज
जीडी गोएनका यूनिवर्सिटी के वायस-चांसलर किम मेनेजस का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सिलेबस से लेकर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के काफी सुधार की आवश्यकता है। ऐसे में अंतरिम बजट 2024 में शिक्षा क्षेत्र के लिए उल्लेखनीय वित्तीय उपायों की उम्मीद है। इससे एजुकेशन सेक्टर में रिसर्च और डेवेलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, वित्तमंत्री से गुजारिश है कि एजुकेशन लोन पर ब्याज दरों को कम किया जाए और साथ ही विश्वविद्यालयों पर कर को बोझ कम हो।
इस बार भी बढ़े शिक्षा पर खर्च
इसी प्रकार दिल्ली-NCR के गुरूग्राम स्थित IILM यूनिवर्सिटी के प्रो वायस-चांसलर डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने अंतरिम यूनियन बजट 2024 में वित्तमंत्री से अपील की है कि वे पिछले 4 वर्षों के दौरान लगातार साल-दर-साल बढ़ाए गए बजट आवंटन के क्रम को इस बार भी जारी रखें। डॉ. अरविंद ने उम्मीद जताई कि वित्तमंत्री एजुकेशन सेक्टर के लिए इस साल 50 हजार करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान कर सकती हैं।
निवेश और क्षमता विकास के लिए हो आवंटन
दूसरी तरफ जयपुर स्थित जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के डायरेक्टर प्रभात पंकज मानते हैं कि अंतरिम यूनियन बजट 2024 में वित्तमंत्री NEP 2020 के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में फोकस कर सकती हैं। इन्हीं में से एक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (GER) को 2035 तक 50 फीसदी पहुंचाने के लक्ष्य के मद्देनजर वित्तमंत्री से निवेश और क्षमता विकास के तौर पर उचित पूंजी का आवंटन किए जाने की उम्मीद है। साथ ही व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में प्रावधान किए जाने की भी उम्मीद है।
टीचर्स की अप-स्किलिंग जरूरी
कोलकाता के मॉडर्न हाई स्कूल की प्रिंसिपल नंदिनी घटक कहती हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षकों को उन स्किल में सक्षम होना चाहिए जिनकी हम छात्रों से अपेक्षा करते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि टीचर्स की अप-स्किलिंग के लिए अंतरिम बजट 2024 में प्रावधान किया जाए ताकि स्कूल ‘लर्निंग ऑर्गेजाइजेशन’ के तौर पर उभर सकें।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़ा निवेश जरूरी
फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स तैयार करने के क्षेत्र में काम कर रहे वन मिलियिन फॉर वन बिलियन के डायरेक्टर मानव सुबोध कहते हैं कि 2024 के शिक्षा बजट में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश किए जाने को महत्व दिया जाना चाहिए। इससे देश की सबसे बड़ी संपदा, युवा, की क्षमता का पूरा उपयोग किया जा सकेगा।
एडुटेक कंपनियां को मिले इंसेंटिव
एडुटेक कंपनी ईयुफियस लर्निंग के कोफाउंडर और सीईओ अमित कपूर का कहना है कि 2024 के बजट में एडुटेक कंपनियों के लिए GST नीति में संशोधन तथा संवर्धन के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान किया जाना चाहिए।
शैक्षिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना जरूरी
एक और एडुटेक कंपनी टॉपरैंकर्स के कोफाउंडर और सीईओ गौरव गोयल का कहना है कि आने वाले आम बजट 2024 से उन आवंटनों की आशा करते हैं जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों सहित शैक्षिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देंगे। ये पहल एनईपी 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने और हमारे देश को प्रतिस्पर्धी वैश्विक स्थिति की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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