कम किया जा सकता है स्ट्रोक का खतरा

हर साल अक्टूबर की 29 तारीख को विश्व आघात दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को स्ट्रोक के खतरों के बारे में जगरूक करना है। हमारी सेहत हमारी हाथों में होती है। फिट रहने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान इन दो चीज़ों पर ध्यान दे दिया, तो यकीनन आप लंबे समय तक बीमारियों से बचे रह सकते हैं। आघात (Stroke) हमारी जिंदगी को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है, तो इसे समझना और इससे कैसे बचे रहा जा सकता है ये जानना जरूरी है। वर्ल्ड स्ट्रोक डे पर, आइए इसकी रोकथाम की बारीकियों को समझते हैं, जिससे आप इस साइलेंट किलर के खिलाफ सुरक्षित रह सकें
स्ट्रोक किसी को भी प्रभावित कर सकता है, फिर चाहे वह युवा हो या बूढ़ा। हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, डायबिटीज, मोटापा और बहुत ज्यादा शराब पीने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
डॉ. संदीप बोरसे, जहांगीर अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं, “विश्व आघात दिवस मनाने का मुख्य कारण लोगों को इसके खतरों के प्रति जागरूक करना है और इसे रोकने और बचाव के उपायों के बारे में बताना है कि कैसे लाइफस्टाइल में जरूरी बदलावों से इसके खतरे को कम किया जा सकता है। जब दिमाग में कोई ब्लड वेसेल्स फट जाती है और उससे खून बहने लगता है या मस्तिष्क को ब्लड की सही तरीके से सप्लाई नहीं हो पाती, तो स्ट्रोक आता है।”

स्ट्रोक से बचाव के उपाय
हेल्दी डाइट लें
आघात से बचाव का सबसे पहला कदम लाइफस्टाइल में बदलाव है। जिसमें हेल्दी डाइट बहुत जरूरी है। डाइट में फल, सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल हैं।

फिजिकल एक्टिविटीज करें
रोजाना थोड़ा वक्त फिजिकल एक्टिविटीज, जैसे- जॉगिंग, वॉकिंग या स्वीमिंग जरूर करें, इससे वजन कंट्रोल में रहता है और इससे स्ट्रोक का खतरा न के बराबर होता है। फिजिकल और मेंटल हेल्थ का आपस में सॉलिड कनेक्शन है, तो इसका महत्व समझें। योग, एक्सरसाइज के साथ-साथ ध्यान और प्राणायाम भी करें। इससे तनाव दूर होता है और दिमाग शांत रहता है।

लक्षणों को लेकर रहें जागरूक
स्ट्रोक के खिलाफ लड़ाई में समय पर उसके लक्षणों की पहचान बेहद जरूरी है। इसके लिए आपको FAST इस शब्द के बारे में पता होना चाहिए- Face drooping (चेहरा झुका हुआ), Arm weakness (हाथ में कमजोरी), Speech difficulty (बोलने में कठिनाई), Time to call emergency services (आपातकालीन सेवाओं को बुलाने का समय)। इसके बारे में जानकारी होने पर आप समय पर जरूरी कदम उठा सकते हैं।

रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं
नियमित तौर पर सेहत की जांच कराते रहने से भी स्ट्रोक के खतरों को कम किया जा सकता है। रूटीन हेल्थ चेकअप से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर आदि चीज़ों के बारे में पता चलता रहता है। जिससे किसी तरह का उतार-चढ़ाव हो, तो उसे जरूरी चिकित्सीय सहायता की मदद से सही किया जा सके।

धूम्रपान करें अवॉयड
धूम्रपान सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है। इससे कैंसर ही नहीं ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। क्योंकि यह शरीर में ऑक्सीजन के लेवल को कम कर देता है। इसलिए जितना जल्दी धूम्रपान छोड़ दें उतना अच्छा।

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