राष्ट्र विरोधी ताकतें देश के माहौल को खराब करना चाहती हैं। ऐसी राष्ट्र विरोधी साजिशों से सतर्क रहें। डटकर मुकाबला करें। युवाओं को, समाज को इन राष्ट्र विरोधी साजिशों से सतर्क करें। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मंगलवार को राजधानी स्थित शारदा विहार विद्यालय में आयोजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभाग प्रचारकों की बैठक में कही। संघ प्रमुख पिछले तीन दिन से भोपाल में हैं। सोमवार को उन्होंने जिला प्रचारकों के साथ बैठक की। बुधवार को वे भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य संगठनों के साथ समन्वय बैठक करेंगे। इस बैठक में दोनों राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष और संगठन महामंत्री शामिल होंगे। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसमें शामिल नहीं होंगे। दिल्ली चुनाव प्रचार में व्यस्त होने की उनकी सूचना आ गई थी। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को भोपाल आ रहे हैं। ये बैठक दो दिन चलेगी। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह लोकसभा का सत्र छोड़ दो दिन इस बैठक में शामिल होंगे।
मोहन भागवत ने अपने भोपाल प्रवास के दूसरे दिन मंगलवार को कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से आए हुए आरएसएस विभाग प्रचारकों के साथ बातचीत जारी रखते हुए दोनों राज्यों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बारे में फीडबैक लिया। दोनों राज्यों में 15 साल तक (वर्ष 2003 से वर्ष 2018 तक) भाजपा की सरकार थी। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद पिछले 14 महीने से दोनों राज्यों में अब कांग्रेस सत्ता में है।
मनुष्य निर्माण के कार्यों में लगे सभी : सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रांतीय एवं जिले के अधिकारियों की बैठक में चर्चा करते हुए कहा कि धर्म संस्कृति एवं समाज के सर्वांगीण विकास को पूर्ण करने का दायित्व हमारा है। इस दायित्व को पूरा करने के लिए हम सभी को मनुष्य निर्माण के कार्य में लग जाना चाहिए। समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे सामर्थ्यवान स्वयंसेवक खड़े करने हैं, जो परिस्थिति के साथ स्वयं की भूमिका को तय करने के लिए तैयार रहें। बैठक में उन्होंने ग्राम विकास के कार्यों एवं वर्तमान विकास कार्यों के साथ आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की समीक्षा की।
कहते हैं भाजपा से कोई संबंध नहीं : डॉ. गोविंद सिंह
इधर, कमलनाथ सरकार के वरिष्ठ मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे तो मुख्यमंत्री तय करते हैं और राज्यपाल भी बनाते हैं। आरएसएस द्वारा यह कहा जाता रहा है राजनीति से कोई संबंध नहीं है, भाजपा से भी उसका कोई संबंध नहीं है। उनका संगठन सांस्कृतिक है और जनता की सेवा करने के लिए है, न कि राजनीति के लिए। डॉ. सिंह ने कहा कि इसके विपरीत आरएसएस का असली चेहरा उजागर हो गया है। उन्होंने भागवत से कहा है कि वे संघ के बजाए सीधे भाजपा का नेतृत्व करें।
कांग्रेस को टिप्पणी का अधिकार नहीं: विश्वास सारंग
पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत का मध्यप्रदेश में आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उनके नेतृत्व में लाखों स्वयंसेवक देश के नवनिर्माण में लगे हैं। आजादी के पहले और आजादी के बाद देश की एकता व अखंडता को कायम रखने में जितना संघ ने काम किया, उतना किसी संगठन ने काम नहीं किया। जो अल्प अज्ञानी है, उनको ज्ञान नहीं दिया जा सकता। कांग्रेस के नेता राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए और अपने दल में अपनी इज्जत बढ़ाने के लिए इस तरह की की टिप्पणी कर रहे हैं।