फिल्मों के सुपरस्टार सूर्या फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े होने के बावजूद अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मशक्कत की।सूर्या तमिल एक्टर शिवकुमार के बेटे हैं लेकिन उन्होंने अपने दम पर इंडस्ट्री में पहचान बनाई और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। सूर्या को फिल्मों में कोई खास रुचि नहीं थी जिसकी वजह से उन्होंने कपड़े की फैक्ट्री में काम करना शुरू किया।

जिन दिनों सूर्या फैक्ट्री में काम करते थे, उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर रखी कि वह एक्टर शिवकुमार के बेटे हैं। करीब 8 महीने तक उन्होंने कपड़ा फैक्ट्री में काम किया। फैक्ट्री में काम के बदले उन्हें एक हजार रुपए हर महीने मिलते थे।सूर्या को फिल्मों में काम का ऑफर 20 साल की उम्र में ही मिल गया था। उन्हें 1995 में फिल्म ‘असाई’ में लीड रोल का ऑफर मिला लेकिन सूर्या को फिल्मों में कोई दिलचस्पी नहीं थी जिस वजह से उन्होंने वह ऑफर ठुकरा दिया। करीब 2 साल बाद उन्हें निर्देशक वसंत की फिल्म ‘नेररुक्कू नेर’ (1997) मिली। जिसके प्रोड्यूसर मणिरत्नम थे। सूर्या इस फिल्म के लिए मना नहीं कर पाए और साउथ की इंडस्ट्री में डेब्यू किया।

साउथ फिल्मों का सुपरस्टार बनने के लिए सूर्या ने कड़ी मेहनत की और लंबा सफर तय किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि, ‘शुरुआती दिनों में मुझे काफी दिक्कतों का सामना करना पडा। आत्मविश्वास, फाइटिंग और डांसिंग में कमी के चलते फिल्मों में सीन्स के दौरान परेशानी होती थी। उस दौरान मेरे मेंटर रघुवरन ने मदद की और बताया कि किस तरह से अपने पिता से अलग पहचान बना सकते हैं।’
सूर्या के करियर में फिल्म ‘नंदा’ (2001) टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। इस फिल्म के लिए उन्हें तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवॉर्ड में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला। साल 2010 में उन्होंने फिल्म ‘रक्त चरित्र’ में काम किया। फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट न्यूकमर का स्क्रीन अवॉर्ड मिला। सूर्या साउथ सिनेमा के सबसे ज्यादा पेड स्टार्स में से एक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह एक फिल्मों के लिए 20-25 करोड़ रुपए चार्ज करते हैं। साथ ही फिल्मों के राइट्स के लिए एक्सट्रा चार्ज लेते हैं।
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