दस दिन से लापता इंटरमीडिएट के छात्र अभिषेक को तलाश रही पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आखिर घटना का पर्दाफाश कर दिया। अभिषेक को उसके दोस्तों ने फोन करके बुलाया था और फिर बड़ी साजिश रचकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने तीन दोस्तों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हकीकत सामने आने पर लोग भी सन्न रह गए। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने लापता अभिषेक का शव जंगल से बरामद किया है।
क्या हुआ था दस दिन पहले
कन्नौज के अन्नपूर्णा नगर निवासी गोपाल राजपूत लकड़ी का कारोबार करते हैं। उनका 17 वर्षीय बेटा अभिषेक इंटरमीडिएट का छात्र था। चार फरवरी को दोस्तों ने फोन करके उसे बुलाया था। उसी दिन से अभिषेक लापता हो गया था। पांच फरवरी को घरवालों ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। दस दिन तक पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी थी। मंगलवार रात 11.40 बजे गोपाल के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई, कॉल करने वाले बेटे के अपहरण की बात कहत हुए आठ लाख रुपये फिरौती मांगी थी। फिरौती मांगने वालों ने रकम के लिए दबाव बनाते समय कई बार स्थान बदले।
इस तरह हत्थे चढ़े शातिर
पिता को फिरौती की कॉल आने के बाद पुलिस ने मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए। इसके साथ ही अभिषेक को फोन करने वाले दोस्तों को भी ट्रेस करना शुरू किया। दोस्तों के नंबर और फिरौती वाली कॉल के नंबर के बीच इंटरकनेक्शन मिलने पर पुलिस का शक पुख्ता हो गया। पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करने के बाद मोहल्ले के दो दोस्त और कोचिंग पढऩे वाले एक दोस्त को उठा लिया। पकड़े दोस्तों से पूछताछ में सच सामने आ गया।
इस तरह दिया घटना को अंजाम
पुलिस की पूछताछ में दोस्तों ने बताया कि फिरौती के लिए चार फरवरी को अभिषेक को बुलाकर अगवा कर लिया था। डर की वजह से उसी दिन गला रेत कर हत्या के बाद शव जंगल में ठिकाने लगा दिया था। इसके बाद जब कई दिन पुलिस की हलचल नहीं दिखाई तो अभिषेक के पिता को फोन करके आठ लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। गुरुवार को उनकी निशानदेही पर पुलिस ने गुरसहायगंज के तेरारब्बू के जंगल से अभिषेक का शव बरामद किया। जानवरों ने शव को नोच डाला था, उसके जूते, फटे कपड़े समेत कई सामान मिले। कपड़े और जूते देखकर पिता ने शव की पहचान की। कोतवाल प्रभारी टीपी वर्मा ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।