गर्मी के तेवर सख्त हैं। चिलचिलाती धूप और गर्म हवा में घर से बाहर निकलना सेहत पर भारी पड़ सकता है। इस मौसम में सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक का खतरा होता है। धूप में आधे घंटे रहने पर भी ग्लूकोज की मात्रा घट जाती है। आइए जानते हैं कि गर्मी में हीट स्ट्रोक से बचने के लिएक्या करें।.
क्या परेशानी होती है-
– त्वचा गर्म और शुष्क हो जाती है.
– शरीर का तापमान 104 डिग्री या अधिक होना.
– दिल की धड़कन और सांसें तेज या कम होना.
– अचानक बेहोशी छा जाना.
– रक्त वाहिकाओं का कसना.
– यह शरीर के पहले से ही कम हो चुके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का प्रयास करता है।
लक्षण-
-जरूरत से ज्यादा पसीना
-ब्लड प्रेशर में कमी
-मांशपेशियों में ऐंठन
-डिहाइड्रेशन के साथ मितली, चक्कर, कमजोरी और सुस्ती
(इन लक्षणों के दौरान पीड़ित कभी-कभी बेहोश भी हो जाता है।)
हीट स्ट्रोक के दौरान क्या होता है
-त्वचा गर्म और शुष्क हो जाती है
-शरीर का तापमान 104 डिग्री या अधिक होना
-दिल की धड़कन और सांसें तेज या कम होना
-अचानक बेहोशी छा जाना
-रक्त वाहिकाओं का कसना
-यह शरीर के पहले से ही कम हो चुके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का प्रयास करता है।
इस समय खतरा अधिक-
हीट स्ट्रोक हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर आ सकता है, फिर भी कुछ लोगों को इसकी आशंका अधिक होती है।
-तेज धूप में अधिक समय तक काम करने वालों को खतरा अधिक
-अधिकतर हीट स्ट्रोक उस समय होता है, जब कोई शख्स बिना तरल पदार्थ लिए बहुत गर्म और आर्द्र मौसम में देर तक काम करता है।
-शिशुओं, छोटे बच्चों या बुजुर्गों (विशेषकर 65 वर्ष से अधिक आयु) के मामले में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत
-मधुमेह, मानसिक बीमारी, ब्लड प्रेशर की दवा खाने वाले, बहुत अधिक शराब पीने वाले या मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को खतरा अधिक
यह करें-
-संभव हो तो पीड़ित व्यक्ति को स्नान कराएं या ऐसा नहीं है तो उसे गीली बेडशीट में लपेंटें
-पीड़ित सचेत हो तो उसे हाइड्रेटेड करना चाहिए और पानी पिलाना चाहिए
-इस अवस्था में खून गाढ़ा हो जाता है। ऐसे में पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर तरल चीजें दें।
-मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है
यह कभी न करें
-एनर्जी या शुगर वाले पेय पदार्थ न दें
बचाव-
-शुगर का कम इस्तेमाल करें
-धूप में निकलने से बचें
-कैफीन और शराब से बचें
-इस दौरान खूब पानी पीएं
-हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें
-बाहर निकलते समय छाते, टोपी या कपड़े से खुद को ढंकें
एम्स के प्रोफेसर आशुतोष बिश्वास ने कहा- हीट स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है। इसके मरीज बेहोश हो जाते हैं। अगर व्यक्ति बेहोश हो जाए और उसे हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें तो तुरंत उसे अस्पताल ले जाएं
गर्मी का प्रभाव जानने के लिए अध्ययन होगा-
गर्मी से हमारे शरीर में होने वाले तनाव और अन्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली पांच अन्य संस्थानों के साथ मिलकर हीट स्ट्रेस सर्वे करने जा रहा है। इस दौरान यह जानने की कोशिश होगी कि तापमान एक सामान्य इंसान पर कैसा प्रभाव डालता है। साथ ही, किन वजहों से वह तनाव या अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाता है। यह सर्वे केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सहायता से किया जा रहा है। वेबसाइट www.heatstressindia.in के जरिए इस सर्वे में हिस्सा ले सकते हैं।