जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम से रेप और हत्या के आरोपियों की वकालत करने वाले वकीलों पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने नाराजगी जाहिर की है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने जम्मू-कश्मीर बार काउंसिल और कठुआ बार काउंसिल को तुरंत हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है.
बीसीआई ने चेतावनी दी है कि अगर कल (सोमवार) तक वकीलों ने हड़ताल खत्म नहीं की तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में जो वकील दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया कड़ी कार्रवाई का मन बना रहा है. काउंसिल ने कहा है कि जो भी वकील दोषी पाए जाएंगे उनके लाइसेंस रद्द रद्द किए जाएंगे.
कमेटी का गठन
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक कमेटी का भी गठन किया है. ये कमेटी पूर्व जस्टिस तरुण अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित की गई है. 5 लोगों की ये कमेटी 20 अप्रैल को कठुआ जाएगी. जो इस पूरे केस में वकीलों की भूमिका की जांच करेगी.
बीसीआई प्रमुख मनन मिश्रा ने बताया कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि कहीं वकीलों की पोशाक में राजनीतिक कार्यकर्ता तो नहीं थे.
दरअसल, ये केस सामने आने के बाद जम्मू में वकील आरोपियों के बचाव में आवाज बुलंद कर रहे हैं. यहां तक कि मासूम की तरफ से केस लड़ने वाली वकील को धमकियां देने के आरोप भी लगे. अब भी वकीलों की हड़ताल चल रही है. जिसके मद्देनजर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है.
बता दें कि इस घटना में आरोपियों को बचाने के लिए वकील, बीजेपी नेता और दूसरे हिंदूवादी संगठनों पर आरोप लगे हैं. जिसके बाद सूबे की सरकार में बीजेपी के दो मंत्रियों के इस्तीफे भी ले लिए गए हैं. वहीं, आरोपी पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है. दूसरी तरफ मामले की जल्दी सुनवाई के लिए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फास्ट ट्रैक कोर्ट की अपील की है.