कई छात्र गलत राह पकड़ लेते हैं, छात्रों के लिए हानिकारक है स्कूल का यह तरीका

अक्सर देखा जाता है कि स्कूल से निलंबित हुए छात्र किशोरावस्था में गलत राह पकड़ लेते हैं और जो उनके भविष्य को गर्त में धकेल देती है। अब अमेरिकी शोधकर्ताओं ने भी एक अध्ययन में चिंता जताते हुए कहा है कि स्कूलों में छात्रों के लिए कठोर अनुशासन हानिकार सिद्ध हो सकता है। कई बार स्थिति ऐसी भी बन जाती है कि अनुशासन का पालन न करने वाले छात्रों को स्कूल से निलंबित तक कर दिया जाता है।

शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसा करने पर छात्र और ज्यादा गलत कामों को करना शुरू कर देते हैं। शिक्षकों का यह रुख किशोरावस्था में ही बच्चों के जीवन का सबसे बड़ा टर्निग प्वाइंट साबित हो जाता है। इससे छात्रों में तमाम तरह की नकारात्मकताएं घर कर जाती हैं और वह अपराध की दुनिया का हिस्सा बन जाते हैं। इसी का परिणाम है कि आपके आस-पड़ोस में हमले, चोरी और ड्रग्स बेचने जैसे अपराध अधिक होना शुरू हो जाते हैं। स्कूलों में अनुशासनात्मक रणनीति को तेज करने से ज्यादा नुकसान हो सकता है। कुछ लोग इसे ‘स्कूल अनुशासन के लिए अपराधीकरण’ भी कहते हैं। इससे आपके आस-पड़ोस, स्कूल और समुदायों में आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग बढ़ सकते हैं।

मिडिल और हाई स्कूल से निलंबित किए जाने पर छात्रों के व्यवहार और जीवन में क्या बदलाव आते हैं। स्कूल से निष्कासित होना युवावस्था में लोगों के र्दुव्‍यवहार का कारण बन जाता है?

स्कूलों में अनुशासनात्मक रणनीति को तेज करने से छात्र ज्यादा ¨हसक और आपराधिक प्रवृत्ति वाले हो जाते हैं और उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनकी प्रवृत्ति और ज्यादा हसक हो जाती है। इससे बचने का एक उपाय यह भी हो सकता है कि छात्रों की काउंसिलिंग कराई जाए और उनकी मन:स्थिति को समझने के बाद ही उन्हें दिशा-निर्देश दिए जाएं। इस काम में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com