कंस्ट्रक्शन सेक्टर में FDI से सस्ता होगा घर खरीदना हो सकते हैं ये फायदे...

कंस्ट्रक्शन सेक्टर में FDI से सस्ता होगा घर खरीदना हो सकते हैं ये फायदे…

मोदी सरकार ने बुधवार को सिंगल ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई  को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी ऑटोमैटिक रूट से निवेश को दी गई है. इसका मतलब ये है कि अब विदेशी कंपनियों को इन दोनों क्षेत्रों में निवेश के लिए केंद्र सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक से निवेश से पहले अप्रूवल नहीं लेना पड़ेगा.कंस्ट्रक्शन सेक्टर में FDI से सस्ता होगा घर खरीदना हो सकते हैं ये फायदे...

कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने का फायदा जहां सस्ते घरों के तौर पर मिल सकता है. वहीं, इसका एक खतरा प्रॉपर्टी के दामों के बढ़ने के तौर पर भी सामने आ सकता है.

रियल इस्टेट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है. हालांकि इसके बाद भी भारत में इस क्षेत्र में विदेशी कंपनियों का निवेश बड़े स्तर पर नजर नहीं आया है. अब  जब  सरकार ने कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी है, तो विदेशी कंपनियों के भारत की तरफ देखने की उम्मीद बढ़ गई है.

घर खरीदना हो सकता है सस्ता

कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देने का फायदा आम आदमी को सस्ते घर के तौर पर मिल सकता है. सेक्टर में विदेशी निवेश बढ़ने से देश में स्पर्धा का माहौल तैयार हो सकता है. ऐसे में हर कंपनी अपने ग्राहकों को कम दाम में बेहतर उत्पाद देने की कोश‍िश करेगी. इसका फायदा ये होगा क‍ि आम लोगों को कम दाम में बेहतर सुविधाओं के साथ अच्छे घर मिल सकते हैं.

बंद पड़े प्रोजेक्ट्स को मिलेगी सांस

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी मिलने से देश में निवेश बढ़ेगा. इससे बंद पड़े प्रोजेक्ट्स को सहारा मिलेगा और इन्हें फिर से शुरू करने में मदद मिल सकती है. विदेशी कंपनियां घरेलू कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं. इससे बंद पड़े प्रोजेक्ट्स को रफ्तार मिल सकती है और घर मिलने में होने वाली देरी पर भी रोक लग सकती है. 

बढ़ेगा रोजगार?

कंस्ट्रक्शन सेक्टर देश की जीडीपी में 8 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है. दूसरी तरफ, इस सेक्टर में सबसे ज्यादा मजदूरों की जरूरत पड़ती है. यही वजह है कि यह क्षेत्र रोजगार देने में भी आगे रहता है. नेशनल रियल इस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) का कहना है कि 2022 तक यह सेक्टर 7.5 करोड़ रोजगार पैदा करेगा. इस सेक्टर में विदेशी निवेश को 100 फीसदी मंजूरी मिलने से यह आंकड़ा हासिल करने में मदद मिल सकती है.  

उल्टा भी हो सकता है असर

केंद्र सरकार ने 2005 में जब रियल इस्टेट में पहली बार विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी, तो इससे प्रॉपर्टी के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई. दरअसल विदेशी कंपनियों ने भारत में निवेश की शुरुआत तो की, लेकिन उनका फोकस लग्जरी और सुपर लग्जरी सेगमेंट पर रहा. उन्होंने किफायती घर देने पर कोई फोकस नहीं रखा और सिर्फ मुंबई-दिल्ली जैसे बड़े शहरों में लग्जरी प्रॉपर्टी तैयार करने पर अपना फोकस रखा.

कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई की मंजूरी तब ही फायदेमंद साबित होगी, जब विदेशी निवेश को चरणबद्ध तरीके से देश में लागू किया जाएगा और इसका फोकस लग्जरी सेगमेंट के साथ ही उन कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर भी हो, जो मध्यमवर्गीय लोगों के लिए किफायती घर दिलाने के लिए अहम हैं.

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