निकट भविष्य में ही आपके स्मार्टफोन, टीवी आदि की स्क्रीन और स्मार्ट होने वाली है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से स्मार्टफोन और टीवी के डिस्प्ले टिकाऊ होने के साथ-साथ चमकीले और बेहतर कांट्रास्ट वाले हो जाएंगे। वर्तमान समय में टीवी, स्मार्टफोन, टैबलेट, और लैपटॉप की स्क्रीनों में पिक्सल कार्बनिक प्रकाश उत्सर्जक डायोड (ऑर्गेनिक लाइट इमिटिंग डायोड -ओएलईडी) के द्वारा चलाए जाते हैं।
ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि तेज धूप में भी स्क्रीन पर चित्रों को आसानी से देखने के लिए ओएलईडी एंटी-ग्लेयर फिल्टर से कवर रहता है। इस फिल्टर के कुछ नुकसान भी होते हैं। इस फिल्टर के होने पर ओएलईडी पिक्सल द्वारा उत्पन्न प्रकाश का आधा भाग डिस्प्ले के भीतर ही रहता है, इसकी वजह से ओएलईडी की कार्यक्षमता लगभग आधी कम हो जाती है और नतीजतन ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है।
अब इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों की टीम ने एक नए प्रकार का ओएलईडी विकसित किया है। ओएलईडी बनाने में लगने वाली सामग्री को मैनेज करके ऐसे ओएलईडी बनाए जा सकते हैं, जो विशेष प्रकार के ध्रुवीकृत प्रकाश उत्पन्न करते हैं, जिससे एंटी-ग्लेयर फिल्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसे ओएलईडी से बने डिस्प्ले ऊर्जा की खपत कम करेंगे। जिसका मतलब है कि उनकी बैटरी लाइफ ज्यादा होगी और कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा।
इंपीरियल कॉलेज के भौतिक विज्ञान विभाग के जेस वेड ने कहा कि हमारा अध्ययन यह बताता है कि हम अपने ओएलईडी को बदलकर कुशल ध्रुवीकृत प्रकाश वाले वाले ओएलईडी विकसित कर सकते हैं। साथ ही सभी प्रकार के स्क्रीन को बेहतर और टिकाऊ बनाया जा सकता है।
यह अध्ययन विशेष तौर पर ओएलईडी पर केंद्रित था पर शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि विकसित की गई नई सामग्री का किसी अन्य एप्लीकेशनों में भी प्रयोग किया जा सकता है। इस सामग्री से उत्पन्न ध्रुवीकृत प्रकाश में सूचना के भंडारण की भी संभावना है। यह कंप्यूटिंग और डेटा क्रांति के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध हो सकता है और इससे संचार के क्षेत्र में नई क्रांति आ सकती है।