औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई में गिरावट आई है। मई महीने में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई गिरकर 5.1 फीसद पर आ गई है। विभिन्न खाद्य पदार्थों व केरोसिन ऑयल की कीमतें घटने के कारण महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई को औद्योगिक श्रमिकों वाले उपभोक्ता मुल्य सूचकांक (CPI-IW) के माध्यम से मापा जाता है।

मई 2020 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडबल्यू में एक अंक की वृद्धि हुई और यह 330 पर रही। एक-महीने प्रतिशत परिवर्तन पर, यह अप्रैल और मई, 2020 के बीच 0.30 फीसद बढ़ी है। वहीं, पिछले साल की समान अवधि में इसमें 0.64 फीसद की वृद्धि हुई थी।
ताजा सूचकांक में ऊपर की ओर अधिकतम दबाव खाद्य समूह से आया है, जिसने कुल परिवर्तन में 0.67 फीसद अंक वृद्धि का योगदान दिया है। आंकडो़ं के अनुसार, कमोडिटी स्तर पर अरहर दाल, मसूर दाल, मूंग दाल, उड़द दाल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, ताजा मछली, बकरी का मांस, पोल्ट्री (चिकन), दूध, गोभी, फ्रेंच बीन, हरा धनिया पत्तियां, आलू, देशी शराब, रिफाइंड शराब, रसोई गैस और पेट्रोल आदि सूचकांक में वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं।
हालांकि, चावल, गेहूं, लहसुन, प्याज, कड़वा लौकी, नारियल, लौकी, फिंडी, आम, परवल, टमाटर, तोरई, केला, केरोसीन तेल, आदि ने सूचकांक पर नीचे की ओर दबाव डाला है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal