छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा के कई गांवों में शनिवार-रविवार की रात बारिश के साथ ही फिर ओलावृष्टि हुई। छिंदवाड़ा में करीब 20 मिनट तक बेर के आकार से बड़े ओले गिरने से फसलों को नुकसान हुआ है। साथ ही बड़ी तादाद में पक्षियों की मौत हो गई।
वन अमले को लगभग दो ट्रॉली मृत पक्षी मिले हैं। बैतूल में तेज हवा चलने से कई पेड़ गिरने से मकानों और बिजली लाइन को भी खासी क्षति पहुंची है। हरदा में आंधी से खेतों में फसलें बिछ गईं। वहीं सिवनी में पेंच टाइगर रिजर्व छिंदवाड़ा एरिया के खमारपानी बफर से लगे खमारपानी व कन्हरगांव क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से 1102 पक्षियों की मौत हो गई।
बैतूल- जिले के कई गांवों में दो महीने में चौथी बार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। शनिवार-रविवार की रात करीब 3:30 बजे शाहपुर और घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में करीब आधे घंटे तेज हवा चली और बारिश हुई। इसके साथ ही बेर से बड़े आकार के ओले 5 से 7 मिनट तक बरसे। मौसम के कहर से फसल ही नहीं क्षेत्र में लगाई डंगराबाड़ी भी बर्बाद हो गई है। डंगराबाड़ियां पूरी तरह से पानी में डूब गई हंै।
जबलपुर। मौसम में शनिवार रात से फिर बदलाव हुआ। रात को महाकोशल-विंध्य के सिवनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, रीवा, शहडोल में बारिश हुई। सिवनी में पेंच टाइगर रिजर्व छिंदवाड़ा एरिया के खमारपानी बफर से लगे खमारपानी व कन्हरगांव क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से 1102 पक्षियों की मौत हो गई।
सुबह 15 मिनट बरसे बादल
नरसिंहपुर में बारिश से दलहन पर संकट के
रविवार तड़के हुई बारिश से खेत में कटकर रखी चने की फसल भीग गई। नरसिंहपुर जिले में रविवार तड़के कई स्थानों पर जोरदार बारिश हुई। दिनभर बादल छाए रहे और धूप की लुका-छुपी चलती रही। कहीं-कहीं धूप के दौरान भी रुक-रुककर बूंदाबांदी होती रही।
बारिश और बादल छाए रहने से दलहनी फसलों में फिर नुकसान की आशंका है। खेतों में कटकर रखी चना, मसूर की फसल भीगने के बाद किसानों ने रविवार को दिन में कार्य बंद रखा और कटी फसल को सुरक्षित करने जतन किए। उधर, मंडला में सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं और हल्की बूंदाबांदी हुई है।
शहर में सुबह सात बजे व 11 बजे के आसपास बारिश हुई। दोपहर बाद फिर मौसम बदल गया और नैनपुर, निवास क्षेत्र में हल्की बारिश हुई और हवाएं चलने से मौसम में ठंडक आ गई।