विश्वकप के सातवें संस्करण की मेजबानी इंग्लैंड ने की लेकिन कुछ मैच स्कॉटलैंड, नीदरलैंड्स और आयरलैंड में भी खेले गए। कुल 12 टीमें इस टूर्नामेंट का हिस्सा रहीं। ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को फाइनल में आठ विकेट से हराकर दूसरी बार विश्व कप पर कब्जा किया। इससे पहले भी 1987 में भी ऑस्ट्रेलिया ने यह ट्रॉफी जीती थी।
टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया। ग्रुप ‘ए’ में दक्षिण अफ्रीका, भारत, जिंबाब्वे, इंग्लैंड, श्रीलंका तथा केन्या की टीमें एक दूसरें से भिड़ी। ग्रुप ‘बी’ में पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश तथा स्कॉटलैंड के टीमों के बीच मुकाबले हुए। इस मुकाबलें के बाद हर ग्रुप से ऊपर की शीर्ष-तीन टीमों ने ‘सुपर सिक्स’ में अपनी जगह बनाई। सुपर सिक्स में जगह बनाने वाली टीमों में भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड तथा जिंबाब्वे की टीम शामिल रहीं। सुपर सिक्स में कई बेहद करीबी और कड़े मुकाबले के बाद न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका तथा श्रीलंका की टीमें सेमीफाइनल की तरफ अग्रसर हुई।
भारतीय टीम का इस वर्ल्ड कप में प्रदर्शन
पिता के निधन के कारण सचिन ने नहीं खेले मैच : पिता के निधन के कारण भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर दक्षिण अफ्रीका और जिंबाब्वे के खिलाफ शुरुआती दो मैचों में नहीं खेल पाए थे। टीम पहला मैच अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीका से चार विकेट से हार गई जबकि दूसरे मैच में जिंबाब्वे ने उसे तीन रन से हरा दिया। केन्या के खिलाफ तीसरे मैच में सचिन (140) ने भारत को 94 रनों से जीत दिला दी। चौथे मैच में गांगुली के नाबाद 183 और द्रविड़ के 145 रनों की बदौलत भारत ने छह विकेट पर 373 रन बनाए और श्रीलंका पर रिकॉर्ड 157 रनों से जीत दर्ज की। अगले मैच में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ छह विकेट से जीत दर्ज करके सुपर सिक्स में जगह बनाई। अजय जडेजा (100) के शतक के बाद भी भारतीय टीम सुपर सिक्स में ऑस्ट्रेलिया से 77 रनों से मैच हार गई। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को 47 रन से हरा दिया। फिर भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के हाथों पांच विकेट से मैच गंवाना पड़ा।
शोएब अख्तर की रफ्तार का कहर
पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के सामने 50 ओवरों में सात विकेट पर 241 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई पाकिस्तान की टीम ने 47.3 ओवरों में एक विकेट गंवाकर ही लक्ष्य हासिल कर लिया। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (3/55) को ‘मैन ऑफ द मैच’ दिया गया।
चोकर दक्षिण अफ्रीका
दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने मैच में अपने सभी विकेट खोकर 213 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम भी 213 रनों पर ऑलआउट हो गई। बाद में ऑस्ट्रेलिया को सुपर सिक्स में दक्षिण अफ्रीका से बेहतर रनरेट के आधार पर विजेता घोषित किया गया। इस मैच में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज लांस क्लूजनर ने नाबाद 31 रनों पारी खेली। पारी के अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीका को नौ रन चाहिए थे और एक विकेट उसके हाथ में था। क्लूजनर ने डेमियन फ्लेमिंग के शुरुआती दो गेंदों में चौके जड़ दिए। इसके बाद अगली गेंद पर कोई रन नहीं आया और फिर चौथी गेंद पर एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए और मैच टाई हो गया। शेन वार्न (4/29) को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया।
पाकिस्तान हुई ढेर
लॉर्ड्स के ऐतिहासिक स्टेडियम पर हुए फाइनल में पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 39 ओवरों में 139 रनों पर ढेर हो गई। आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रलियाई टीम ने महज 20.1 ओवरों में दो विकेट के नुकसान पर ही लक्ष्य को हासिल कर लिया। ऑस्ट्रेलिया ने आठ विकेट से जीत हासिल करते हुए विश्व कप पर कब्जा किया। ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (4/33) को ‘मैन ऑफ द मैच’ दिया गया।