भारत एक धर्म प्रधान देश है यहां पर कई जाति व धर्म के लोग निवास करते हैं और उनके मंदिर भी यहां पर स्थापित है। लेकिन भारत मे सबसे ज्यादा हिन्दू धर्म के मंदिर देखने को मिलते हैं इन सब मंदिरों मे कुछ मंदिर ऐसे भी है, जो मानव जीवन को सोंच मेे डाल देते है, और न चाह कर भी सोंचने पर मजबूर कर देते हैं। आज हम आपसे एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपको भी यकीन नहीं होगा। लेकिन वास्तव में यह सच है। हम जिस मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं, यह मंदिर केरल में स्थित है, जो कि अनंतपुर मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर एक भक्त मगरमच्छ का भी निवास है।
जी हां इस मगरमच्छा का नाम बबिआ है। जिसे देखने के लिए बड़ी ही दूर-दूर से लोग आते हैं। ये मगरमच्छ अनंतपुर मंदिर की झील में करीब 60 सालों से रह रहा है। मगरमच्छ की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से शाकाहारी है और खाने में सिर्फ प्रसाद खाता है। केरल का अनंतपुर मंदिर ‘बबिआ’ नाम के मगरमच्छ की वजह से जाना जाता है। भगवान की पूजा के बाद भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद बबिआ को खिलाया जाता है। मंदिर में प्रसाद खिलाने की अनुमति सिर्फ मंदिर के पुजारियों को ही है। ये नीचे रखा हुआ प्रसाद नहीं खाता, बल्कि प्रसाद इसके मुंह में डालकर खिलाया जाता है। इस मंदिर में यह मान्यता है कि जब इस झील में एक मगरमच्छ की मृत्यु होती है तो रहस्यमयी ढंग से दूसरा मगरमच्छ प्रकट हो जाता है।
इस मगरमच्छ के बारे में एक कहानी भी मशहूर है कि 1945 में एक अंग्रेज सिपाही ने तालाब में मगरमच्छ को गोली मार दी थी और लेकिन अगले ही दिन वही मगरमच्छ झील में तैरता मिला परन्तु उस अंग्रेज सिपाही की सांप के काट लेने से मौत हो गई। माना जाता है कि अगर आप भाग्यशाली हैं तो ही आपको इस मगरमच्छ के दर्शन हो जाते हैं। बताया जाता है कि अभी तक यह शाकाहारी मगरमच्छ ने किसी पर हमला नहीं किया है।
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