कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में स्कूल खोलने का फैसला ठीक नहीं। कहा यह अवश्य जा रहा है कि स्कूलों को खोलने से पहले उन्हें पूरी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है। हर वह सावधानी बरती जा रही है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के हित में हो, पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बच्चे तो बच्चे होते हैं। वे एक-दूसरे के संपर्क में न आएं यह असंभव जैसा है। स्वयं माता-पिता भी अभी नहीं चाह रहे कि स्कूल खोले जाएं। फिर सारा जिम्मा अभिभावकों पर ही डाल दिया गया है कि उनकी लिखित अनुमति जरूरी है।
विदेशों में भी कुछ जगह स्कूल खोलने की पहल की गई थी, लेकिन उसका परिणाम उलटा ही हुआ। काफी बच्चों के संक्रमित होने के कारण स्कूलों को पुन: बंद करना पड़ा। स्कूल का खोला जाना क्या बच्चों के स्वास्थ्य से बढ़कर है? जहां पिछले छह-सात माह से स्कूल बंद हैं, वहीं कुछ माह अगर, सुरक्षा की दृष्टि से, बंद रहते भी हैं तो कोई हर्ज नहीं। बच्चों की सुरक्षा अहम होनी चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि स्कूल बंद होने से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे। उनकी ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। इसके परिणाम भी सकारात्मक आ रहे हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से बच्चों ने बहुत कुछ सीखने एवं समझने की कोशिश की है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से अब वे भी अनजान नहीं। यह न भूलें कि आने वाला समय ऑनलाइन एजुकेशन का ही होगा। दूर बैठकर डिजिटल माध्यम से अगर बच्चे पढ़ाई कर पा रहे हैं तो यह अच्छा ही है।
यह सही है कि कुछ बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस में दिक्कतें आ रही हैं। कहीं नेट की समस्या है तो कहीं नेटवर्क की। ऐसा भी पढ़ने में आया है कि कई परिवारों के पास मोबाइल की भी सुविधा नहीं, पर समय रहते इन दिक्कतों से निपटा जा सकता है। धीरे-धीरे कर नेट और नेटवर्क की समस्या भी दूर होने लगी है, लेकिन ऐसे कठिन समय में थोड़ा-बहुत त्याग किया जा सकता है। आखिर यह बच्चों की पढ़ाई एवं स्वास्थ्य का मामला है।मनोचिकित्सकों का कहना है कि लंबे समय से घर में रहकर बच्चे बोर हो रहे हैं और उनके मानसिक विकास पर भी असर पड़ रहा है। लंबे समय तक बच्चों को स्कूल से दूर रखना उचित नहीं, लेकिन हम सिक्के के दूसरे पहलू की तरफ भी देखें तो घर में बच्चे अधिक सुरक्षित हैं।
यह क्या कम बड़ी राहत की बात है। माना कि वे अपनी कंपनी और दोस्तों से दूर हैं, पर इस समय अधिक जरूरी है उनकी सुरक्षा, जो स्कूलों में नहीं मिल सकती। स्कूल सुरक्षा के दावे चाहे जितना करें। बच्चों और माता-पिता के हित में अभी यही सही रहेगा कि हमारे बच्चे, संक्रमण के टलने और वैक्सीन के न आने तक घरों में ही सुरक्षित रहें। सरकार और स्कूलों को भी अपने निर्णय पर पुनर्विचार की जरूरत है। अभी बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा अहम है।