झारखण्ड के पलामू जिले मे तीन साल से इस कछुए की पूजा हो रही है दूर दूर से लोग देखने आ रहे है यहाँ के लोग इस कछुए को भगवान का स्वरूप मानते है। तीन साल पहले ये कछुआ देवी और देवन नामक दंपति को मिला था उन्होने इसके लिए अपने ही घर मे कछुए के लिए मंदिर बना रखा है क्योंकि यह कछुआ खाने मे गूढ़ल का फूल और पीने मे दूध लेता है।

यहाँ के लोग बताते हैं की इसके आगे के दो पैर इन्सानो की तरह है और पीछे के दो पैर मे से एक हाथी की त्तरह और दूसरा शेर की तरह है।सबसे बड़ी बात की यह किसी से भी नहीं डरता है बल्कि इंसान की आहट सुनते ही उनके पास आ जाता है।अब इस बात से साफ है की हमारे देश के लोगो का अंधविश्वास किस हद तक जा सकता है। पर कुछ भी हो कछुआ मजे मे हैं।
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