पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की बिजली लाइन ट्रायल गुरुवार को पूरा हो गया। इसके बाद यहां स्थित 100 मेगावॉट क्षमता का पहला पानी पर तैरता ट्रांसफॉर्मर चार्ज होने के बाद ठीक से काम भी करने लगा है।
मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर डैम के बैकवॉटर में एशिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पैनल परियोजना आकार ले रही है। यहां पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की बिजली लाइन ट्रायल गुरुवार को पूरा हो गया। इसके बाद यहां स्थित 100 मेगावॉट क्षमता का पहला पानी पर तैरता ट्रांसफॉर्मर चार्ज होने के बाद ठीक से काम भी करने लगा है। सफल ट्रायल के बाद इससे केलवाखुर्द ग्राम के पास बैकवॉटर में स्थित एम्प कंपनी के पावर प्लांट तक सफलता पूर्वक बिजली सप्लाई पहुंच गई है।
बताया जा रहा है कि अब एम्प कंपनी के प्लांट में अन्य उपकरणों की टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने की प्रोसेस की जा रही है, जिसके बाद पहले चरण में संभवतः अगले दो से तीन दिनों में यहां से करीब 50 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि यहां से खंडवा जिले के छैगांव माखन ग्रिड तक बिजली पहुंचाई जाना है। जहां से एमपीपीएमसीएल के माध्यम से प्रदेश के जिन स्थानों पर जरूरत होगी वहां इस प्लांट से बनने वाली बिजली की सप्लाई की जाएगी।
तीसरा ट्रांसफॉर्मर भी किया जा रहा स्थापित
इस विशाल फ्लोटिंग सोलर पैनल परियोजना के इंजीनियरों के अनुसार यहां के पहले ट्रांसफॉर्मर का ट्रायल हो चुका है तो वहीं दूसरे ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग भी पूर्ण कर ली गई है, और अब इसे आने वाले दिनों में चार्ज किया जाएगा। इसके साथ ही यहां परियोजना से जुड़ा तीसरा ट्रांसफॉर्मर भी स्थापित किया जा रहा है, जो कि इसी माह के अंत तक यह काम भी पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश को सोलर पावर से बिजली मिलना शुरू हो जाएगी।
अगले सप्ताह से उत्पादन शुरू होने की संभावना
खंडवा अपर कलेक्टर काशीराम बडोले ने बताया कि एशिया के सबसे बड़े पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की टेस्टिंग चल रही है। कुल मिलाकर 100 मेगावॉट बिजली उत्पादन का उद्देश्य है। उम्मीद है यह अगले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। शुरुआत की टेस्टिंग में 50 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा।