बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में इन दिनों बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट नाम से बिहार की यात्रा कर रहे एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार बिहार के अलग अलग मुद्दे उठा रहे हैं.
कभी नियोजित शिक्षको का मुद्दा तो कभी पुलिस आपातकाल से जुड़े 100 नम्बर के काम नहीं करने का मामला चिराग उठा रहे हैं. चिराग पासवान साथ ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही अपनी ही एनडीए सरकार पर भी निशाना साध रहे हैं. इससे उनके विरोधियों को नीतीश सरकार पर हमले का मौक़ा भी मिल रहा है लेकिन चिराग पासवान का कुछ और ही तर्क़ है.
चिराग पासवान ने दावा किया कि वो जो भी मुद्दे उठाए रहे हैं वो बिहार की बेहतरी के लिए है ताकि कमियों को दूर किया जा सके. इसी क्रम में उन्होंने कहा कि एलजेपी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा नहीं हैं और उनका कोई भी विधायक सरकार में मंत्री नहीं है.
लिहाज़ा उन्हें भी अपनी बात कहने और सरकार तक पहुंचाने के लिए एक मंच चाहिए. चिराग ने याद दिलाया कि जबतक उनके चाचा पशुपति कुमार पारस बिहार सरकार में मंत्री थे तबतक वही पार्टी के मुद्दे सरकार के सामने उठाते थे.
चिराग पासवान ने कहा कि यही वजह है कि उनकी पार्टी 14 अप्रैल को ही अपना घोषणा पत्र जारी कर देगी ताकि नवम्बर चुनाव के बाद बनने वाली एनडीए सरकार में उनकी पार्टी के एजेंडे को भी जगह दी जाए.
उन्होंने दावा किया कि पार्टी लोगों से राय लेकर घोषणा पत्र तैयार कर रही है और लोगों से मिल रहे फीडबैक को ही वो अपनी यात्रा में उठा रहे हैं. वैसे चिराग ने ये भी माना कि नीतीश कुमार ने पिछले 15 सालों में बिहार में जो विकास का काम किया है उससे बिहार में काफ़ी सकारात्मक अंतर आया है लेकिन अब कुछ और किए जाने की ज़रूरत है.