एम्स में मरीजों के बढ़ते दबाव और सर्जरी की लंबी वेटिंग के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन दो पालियों में सर्जरी शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लागू होने पर सर्जरी का समय तीन घंटे बढ़ जाएगा। ऐसे में रोज 11 घंटे सर्जरी हो सकेगी। इससे सर्जरी की वेटिंग घटेगी। हालांकि, बताया जा रहा है कि एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर इसके लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में इन डॉक्टरों को राजी करना एम्स प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
2017-18 में एम्स में एक लाख 93 हजार से अधिक मरीजों की सर्जरी हुई। इसमें मेजर और माइनर दोनों सर्जरी शामिल है। इसके बावजूद एम्स में मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबी तारीखें दी जाती हैं। कार्डियक सर्जरी विभाग में मरीजों को पांच साल बाद तक की तारीख दी जाती हैं। न्यूरो सर्जरी में ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के लिए छह माह से डेढ़ साल बाद का समय दिया जाता है। जनरल सर्जरी और कैंसर सर्जरी में भी तीन से छह महीने की वेटिंग है।
डॉक्टर कहते हैं कि इससे मरीजों को फायदा जरूर होगा, लेकिन असल समस्या अस्पताल में बेड उपलब्धता की आएगी। कई विभागों में मरीजों का दबाव अधिक होने से बेड खाली नहीं होते। बेड उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके अलावा कुछ डॉक्टर रात आठ बजे तक ड्यूटी करने को तैयार नहीं होंगे।
पहले भी एम्स में दो पालियों में सर्जरी शुरू करने का प्रस्ताव था, पर एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर दो पालियों में ड्यूटी के लिए तैयार नहीं होते। एम्स में 200 बेड का नया सर्जिकल ब्लॉक बनकर तैयार है। इस साल इसमें मरीजों का ऑपरेशन शुरू हो जाएगा। तब दो पालियों में सर्जरी शुरू होने पर मरीजों को इसका फायदा अधिक मिलेगा।