एमपी: पंचसेवा गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष अशोक गोयल समेत कई अधिकारियों को EOW का नोटिस जारी

भोपाल की पंचसेवा गृह निर्माण समिति में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बीच, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने समिति के अध्यक्ष अशोक गोयल सहित कई प्रमुख सहयोगियों और प्रशासनिक अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। समिति के प्रबंध कार्यों में बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद, यह नोटिस जारी किया गया, जिसमें वित्तीय अनियमितताओं और फंड दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। पिछले दिनों पंजाब केसरी ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।

इन लोगों को जारी किया गया EOW का नोटिस

EOW द्वारा जारी किए गए नोटिस में पंचसेवा गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष अशोक गोयल के अलावा कई प्रमुख लोग शामिल हैं, जिनमें मनीष तिवारी, नवजोत सिंह ढिल्लन, यावर अली खान, रजिया खान, एम. एस. खान और अनुराग त्रिपाठी (तहसीलदार, हुजूर) के नाम प्रमुख हैं। इसके साथ ही, गोपाल मौर्य, जो राजस्व निरीक्षक (हुजूर) के पद पर हैं, को भी नोटिस जारी किया गया है। इन सभी पर समिति के कामकाज में गड़बड़ियों और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है।

क्या है मामला और किस तरह का आरोप?

जानकारी के मुताबिक, पंचसेवा गृह निर्माण समिति में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। समिति के कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्यों में फंड का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया, जिसमें कम गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का उपयोग, फर्जी दस्तावेज़ों का निर्माण, और वित्तीय लेन-देन में हेराफेरी शामिल है। इन आरोपों के बाद EOW ने संबंधित अधिकारियों और समिति के सदस्यों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है और उनसे जांच में सहयोग करने के लिए कहा है।

जांच का फोकस और कार्यवाही की दिशा।

EOW की जांच समिति के सभी वित्तीय लेन-देन, परियोजनाओं के अनुबंध, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और दस्तावेजों की वैधता पर केंद्रित होगी। इस जांच का उद्देश्य समिति की प्रबंधन प्रक्रियाओं और वित्तीय पारदर्शिता की गहराई से समीक्षा करना है। जांच अधिकारी अब पंचसेवा गृह निर्माण समिति के विभिन्न विभागों और कार्यों का विश्लेषण करेंगे, ताकि घोटाले में शामिल सभी लोगों का पता लगाया जा सके और दोषियों को सज़ा दिलाई जा सके।

भ्रष्टाचार की जड़ें और आरोपितों के लिए बढ़ती मुश्किलें।

EOW की इस कड़ी कार्रवाई से साफ है कि समिति के कामकाज में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इस जांच से समिति के भीतर के भ्रष्टाचार और मिलीभगत का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। अध्यक्ष अशोक गोयल और अन्य अधिकारियों के लिए यह एक कठिन समय है, क्योंकि यदि आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें कड़ी कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। जनता और समिति के अन्य सदस्यों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है, और उम्मीद जताई है कि जांच से समिति के कार्यों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

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