गुजरात के अहमदाबाद में छात्र संगठन एबीवीपी (ABVP) और एनएसयूआइ (NSUI) के बीच हुई मारपीट का मामला गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) पहुंचा है। एनएसयूआइ ने इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को सौपने की मांग की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में पालड़ी पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक रबारी को 12 फरवरी के दिन हाजिर होने का आदेश दिया है।
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय में घुसकर छात्रों को पीटने के मामले में पूरे देशभर में छात्र संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया था। अहमदाबाद के पालड़ी क्षेत्र में एनएसयूआइ के छात्र नेताओं द्वारा अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यालय के बाहर 7 जनवरी के दिन प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस दौरान एनएसयूआइ और एबीवीपी के छात्र नेताओं के बीच जमकर मारपीट हुई थी। इस घर्षण में एनएसयूआइ के राष्ट्रीय महासचिव निखिल सावाणी सहित कई छात्र घायल हुए थे। घटना के बाद भाजपा झ्र कांग्रेस के दोनों दलों के नेताओं ने द्वारा एक दूसरे आरोप लगाये गये।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय महासचिव निखिल सावाणी ने कहा कि घटना के समय गुजरात भाजपा के युवा मोर्चा के अध्यक्ष रित्विक पटेल और प्रदीप सिंह वाघेला की मौजदूगी में हमला हुआ है। इन दोनों नेताओं ने ही हमले कराये है। घटना मे जारी सीसीटीवी फुटेज में दोनों नेताओं दिखाई दे रहें है। इसके बाद भी पालड़ी पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक रबारी इन दोनों नेताओं के खिलाफ मामला नहीं दर्ज कर रहे हैं।
सावाणी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि भाजपा के सेक्रेटरी प्रदीप सिंह वाघेला और रत्विक पटेल के इशारे पर उन पर हमला किया गया। पालड़ी थाने पुलिस निरीक्षक रबारी ने भाजपा के दबाव में आकर अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। इस मामले में एसआईटी द्वारा जांच की जाये। गुजरात हाईकोर्ट ने निखिल सावाणी की याचिका पर पुलिस थाने के निरीक्षक रबारी को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 12 फरवरी के दिन निर्धारित की है।
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