केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के लिए तारीख की घोषणा कर दी गई है। इसके बाद से ही सूबे की सियासत गरमाई हुई है। NPR के बहाने NRC, CAA को भी हवा दी जा रही है।
इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान सामने आया है। उद्धव ने कहा कि NPR जनगणना है जो हर 10 साल में होती है, ऐसे में उससे प्रदेश का कोई व्यक्ति प्रभावित नहीं होगा।
उन्होंने NPR को CAA और NRC से अलग बताया। महाराष्ट्र में तीन राजनीतिक दलों ने मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है, इसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शामिल है। शिवसेना ने NPR का समर्थन किया था, वहीं कांग्रेस की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है।
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा ‘सीएए और एनआरसी दोनों अलग मसले हैं जबकि एनपीआर अलग है। सीएए लागू होता है तो किसी को डरने की जरूरत नहीं है। एनआसी अभी नहीं है और वह राज्य में लागू भी नहीं होगा।’
इसके साथ ही ठाकरे ने कहा ‘अगर एनआरसी लागू हो जाता है तो यह सिर्फ हिंदू या मुस्लिमों को ही नहीं बल्कि आदिवासियों को भी प्रभावित करेगा। केंद्र ने अब तक एनआरसी को लेकर कोई बात नहीं की है। एनपीआर जनगणना है और मुझे नहीं लगता कि कोई इससे प्रभावित होगा क्योंकि यह हर 10 साल में एक बार होती है।’
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून पर हंगामा मचा हुआ है। इस कानून को मुस्लिम विरोधी बताते हुए जमकर राजनीति हो चुकी है। गैरभाजपा शासित राज्यों ने संसद से पास इस कानून को लागू करने से इंकार किया है।
वहीं इसे लेकर मुस्लिम समाज सहित विपक्ष द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से कई बार साफ किया जा चुका है कि इस कानून से देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता पर असर नहीं पड़ेगा, बावजूद इसके सियासत गरमाई हुई है।