एचसीएमएस की एक जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ बैठक

विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए विशेष कैडर बनाने की मांग पूरी होने के बाद दो अन्य मांगों को लेकर सरकारी डॉक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। देर रात तक चली वार्ता के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हड़ताली डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए मनाने में सफल रहे। अब हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की एक जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के साथ बैठक होगी। तब तक चिकित्सक हड़ताल नहीं करेंगे। एसोसिएशन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री से बैठक के बाद अगली रणनीति तय की जाएगी।

इससे पहले शुक्रवार को पूरे दिन सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर रहे। 27 दिसंबर की एक दिन हड़ताल से सबक लेते हुए सरकार ने पहले से तैयारी कर रखी थी। 22 में से 15 जिलों में वरिष्ठ और सेवानिवृत्त चिकित्सकों ने ओपीडी की व्यवस्था संभाली। इससे मरीजों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हड़ताल से निपटने के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की सभी तरह की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से चालू रखने के लिए तीन हजार डॉक्टरों को तैनात किया है।

वहीं, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि शुक्रवार को सभी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं और ऑपरेशन ठप रहे। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं बाधित नहीं हुईं। एसोसिएशन ने इमरजेंसी सेवाएं चालू का आश्वासन एक दिन पहले स्वास्थ्य निदेशक के साथ हुई बैठक में दिया था।

एनएचएम व डीएनबी डॉक्टरों को फील्ड में उतारा

हरियाणा सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए तीन हजार डॉक्टरों को राज्य के विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया है। इनमें सलाहकार, वरिष्ठ सलाहकार, एनएचएम डॉक्टर, डीएनबी डॉक्टर, मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधिकारी और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं। साथ ही इन डॉक्टरों की हड़ताल रहने तक छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

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